नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन ने कमोर्ता श्रेणी के दूसरे युद्धपोत आईएनएस कदमत को 7 जनवरी 2016 को नौसेना में शामिल कर लिया.
इस युद्धपोत का विशाखापत्तनम के विजाग में जलावतावरण किया गया.
इस युद्धपोत का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने किया है.
यह गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट 28 के अंतर्गत निर्मित चार पनडुब्बी रोधी स्वदेशी युद्धपोतों में से दूसरी है.
इस युद्धपोत का नाम लक्षदीप में कदमत नामक आइसलैंड के नाम पर रखा गया है.
इस पोत का 90 प्रतिशत डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है जबकि इउसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है.
यह 109 मीटर लम्बा और 14 मीटर चौड़ा है.
आईएनएस कदमत नामक यह पोत चार डीजल इंजन से चालित है.
यह युद्धपोत पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर, टारपीडो और एंटी सबमेरिन रॉकेट जैसे मारक हथियारों से भी लैस है. इसके अतिरिक्त यह जंगी जहाज डीआरडीओ द्वारा विकसित 3डी एयर/सरफेस सर्विलांस रडार से लैस जो सैकड़ों किलोमीटर दूर हवा और गहरे पानी में देश की ओर बढ़ रहे दुश्मन के लक्ष्य को पकड़ने में सक्षम है.
इस पोत पर कमांडिंग ऑफिसर कमांडर महेश चन्द्र मुदगिल के साथ 13 अधिकारी और 180 नाविक रहेंगे.
जलावतावरण के पश्चात यह पूर्वी नौसेना कमान के तहत पूर्वी बेड़े का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा.
यह शिप आईआर सबप्रेशन सिस्टम से लैस है जो की पोत के इंजन से पैदा होने वाली ऊष्मा को कम करेगा और इस तरह से यह पोत हीट सीकिंग मिसाइल से बचने में भी सक्षम होगा.
यह परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थिति में लड़ने में सक्षम है.
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