West Bengal's Sunderbans have soaked in 4.15 crore tonnes of carbon dioxide, valued at around USD 79 billion in the international market, a research finding from the University of Calcutta. कलकत्ता विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञान विभाग के अध्ययनकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पश्चिम बंगाल स्थित सुंदरवन (Sunderbans) में फैले मैंग्रूव जंगल (Mangrove forest) द्वारा 4.15 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड सोखे जाने की बात बताई गई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4.15 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड की कीमत लगभग 79 बिलियन अमेरिकी डॉलर है.
पश्चिम बंगाल स्थित सुंदरवन (Sunderbans) में 2118 वर्ग किलोमीटर में मैंग्रूव जंगल (Mangrove forest) फैला हुआ है. कलकत्ता विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञान विभाग के अध्ययनकर्ताओं का नेतृत्व करने वाले प्रो अभिजीत मित्रा के अनुसार मैंग्रूव जंगल (Mangrove forest) कार्बन डाईऑक्साइड सोखने के प्राकृतिक कारक के रूप में काम करते हैं. वैज्ञानिक रूप में मैंग्रूव जंगल (Mangrove forest) अपने भोजन (ग्लूकोज) निर्माण के लिए कार्बन डाईऑक्साइड का उपयोग करते हैं.
ज्ञातव्य हो कि वायुमंडल से जितनी कार्बन डाईऑक्साइड सोखी जाती है, वायुमंडल के तापमान, ऑक्सीजन की उपलब्धता और जलवायु परिवर्तन पर उतना ही सकारात्मक असर पड़ता है. वायुमंडल से कार्बन हटाने और उसे जमा करने की प्रक्रिया को कार्बन सेक्वेस्ट्रेशन (carbon sequestration) कहते हैं. कलकत्ता विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञान विभाग द्वारा सुंदरवन (Sunderbans) में फैले मैंग्रूव जंगल (Mangrove forest) के उपर यह अध्ययन केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और पश्चिम बंगाल राज्य वन विभाग की आर्थिक मदद से दो साल तक किया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation