भारतीय मूल के वैज्ञानिक प्रोफेसर नितेश सक्सेना के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ता एक ऐसा लॉगइन प्रोटेक्शन तैयार कर रहे हैं जो पासवर्ड के उपयोग की जरूरत को ही खत्म कर देगा. यह प्रयोग करने में सरल एवं सहज है.
प्रक्रिया
कंप्यूटर साइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर नितेश सक्सेना के नेतृत्व में बर्मिंघम के अलाबामा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ (University of Alabama at Birmingham) सुरक्षित लॉगइन प्रोटेक्शन के तौर पर जीरो इंटरेक्शन ऑथेंटिकेशन पर काम कर रहे हैं. इसके द्वारा उपकरण के उपयोग के बिना ही यूजर की लैपटॉप या एक एक टर्मिनल तक पहुंच हो सकेगी. पहुंच की मंजूरी तब मिलेगी जब छोटी दूरी, ब्लूटूथ जैसे वायरलेस कम्युनिकेशन चैनल पर ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल का उपयोग होने के बाद पहचान करने वाला सिस्टम यूजर के मोबाइल फोन या कार की चाबी जैसे सिक्यूरिटी टोकन का पता लगा सकेगा.
लाभ
जीरो इंटरेक्शन ऑथेंटिकेशन से पासवर्ड की आवश्यकता नहीं रहेगी, साथ ही सुरक्षा जोखिम भी समाप्त हो जाएगा.

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