'स्ट्रिक्ली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण' : दमन सिंह कौर
स्ट्रिक्टली पर्सनल : मनमोहन एंड गुरशरण (Strictly Personal: Manmohan and Gursharan) नामक पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पुत्री दमन सिंह कौर द्वारा लिखी गई है. यह पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण सिंह की जीवनी है. यह पुस्तक 10 अगस्त 2014 को प्रकाशित की गई.
स्ट्रिक्टली पर्सनल : मनमोहन एंड गुरशरण से संबंधित मुख्य तथ्य
दमन सिंह के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 1991 में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव द्वारा वित्त मंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया था.
पीवी नरसिम्हा राव सरकार में शीर्ष नौकरशाह पीसी एलेक्जेंडर ने उन्हें प्रधानमंत्री की इस इच्छा से अवगत कराया था लेकिन इस बातचीत के अगले दिन सुबह डॉ. मनमोहन सिंह शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अपने कार्यालय चले गए. इसके बाद फोन आने पर वह शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे.
दमन सिंह ने कहा कि यह ‘‘निराश’’ करने वाली बात है कि उनके पिता के 10 साल के शासनकाल के अंत में जनमत उनके खिलाफ बन गया.
दमन सिंह के अनुसार वर्ष 1993 मे शेयर बाजार में हुए घोटाले के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने इस्तीफा दे दिया लेकिन प्रधानमंत्री राव इस इस्तीफे को आठ दिन तक अपने पास रखे रहे और एक शब्द नहीं बोले. इसके बाद उन्होंने बिना कुछ कहे इस्तीफा डॉ. सिंह को वापस कर दिया और नौवे दिन डॉ. सिंह अपने कार्यालय आ गए.
हालांकि, इस पुस्तक में वर्ष 2004 में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद की बातों को किताब में नहीं लिखा गया है.
दमन सिंह के अनुसार उनके पिता का कांग्रेस पार्टी में विरोध होता था जिस कारण उन्हें पार्टी में कई रुकावटों का सामना करना पड़ता था.उनके पिता कहते थे कि सियासी सिस्टम भ्रष्टाचार का जन्मदाता है. उनका कहना था कि देश में हालात बदलना काफी मुश्किल है.
पुस्तक से सम्बंधित यह जानकारी दमन सिंह ने एक निजी टेलिविजन के साथ एक साक्षत्कार के दौरान दी.

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