भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 -17 अगस्त 2015 के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा किया. वह पिछले 34 वर्षों में यूएई जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले वर्ष 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, अबू धाबी के युवराज और संयुक्त अरब अमीरात के सशस्त्र सेनाओं के उप सर्वोच्च कमांडर जनरल शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के निमंत्रण पर यूएई का दौरा किया.
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतुम के साथ वार्ता की जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया. मोदी ने भारत में निवेश के माहौल के बारे में चर्चा की. दोनों नेताओं ने व्यापारिक संबंधों को और गति प्रदान करने के रास्तों पर विचार विमर्श किया, साथ ही संबंधों के सभी आयामों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
मोदी की यात्रा के दौरान आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रम
• यूएई सरकार ने प्रवासी भारतीय समुदाय की मांग को पूरा करते हुए एक मंदिर बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा की. दुबई में भारतीय समुदाय के दो मंदिर हैं, जिनमें से एक कृष्ण और दूसरा शिव का है. यह आबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर होगा.
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख जायद मस्जिद का दौरा किया. यह मस्जिद सऊदी अरब की मक्का और मदीना की मस्जिदों के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद मस्जिद है. इस मस्जिद का नाम देश के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाह्यान के नाम पर रखा गया. इस मस्जिद में एक साथ 40 हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं.
• मोदी ने कार्बन मुक्त शहर मसदर का दौरा भी किया और प्रवासी निवेशकों के साथ उनकी परियोजनाओं पर चर्चा भी की.
• उन्होंने दुबई क्रिकेट स्टेडियम में 50 हजार भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया. यूएई में करीब 26 लाख प्रवासी भारतीय कामगार रहते हैं जो यूएई की कुल आबादी के 30 प्रतिशत के बराबर हैं.
• उन्होंने आईसीएडी आवासीय श्रम शिविर, अबू धाबी में भारतीय कामगारों के साथ बातचीत की. आईसीएडी आवासीय श्रम शिविर में भारतीय उपमहाद्वीप के प्रवासी मजदूर निवास करते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation