रूस के शहर उफा में आयोजित 7वें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान 9 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सदस्यों के आपसी संबंधो में सुधार के लिए 'दस कदम’ प्रस्ताव को सदस्यों से साझा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘दस कदम प्रस्ताव’ के अंतर्गत निम्न बिन्दुओं को शामिल किया-
• ब्रिक्स देश ‘ब्रिक्स व्यापार मेले’ का आयोजन करें और सर्वप्रथम इसकी मेजबानी 2016 में भारत को प्राप्त हो.
• सदस्य देशों के आपसी सहयोग से एक रेलवे अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए.
• सदस्यों की सर्वोच्च अंकेक्षण संस्थानों एक दूसरे का सहयोग करें.
• ब्रिक्स देश डिजिटल पहल करें.
• ब्रिक्स कृषि अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाए, यह सम्पूर्ण विश्व के लिए एक उपहार साबित होगा.
• प्रधानमंत्री ने यह सुझाव दिया कि ब्रिक्स देशों को एक ऐसा मंच तैयार करना चाहिए जो हमारे प्रांतों या राज्यों को हमारी स्थानीय सरकारों से जोड़े इससे शहरीकरण की बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है.
• ब्रिक्स खेल परिषद स्थापित की जाए और वार्षिक आधार पर ब्रिक्स खेल सम्मेलन आयोजित किए जाएं. इसके लिए उन्होंने अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में फुटबाल सम्मेलन के आयोजन का प्रस्ताव रखा.
• राष्ट्रीय विकास बैंक की पहल पर स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी परियोजना शुरू की जाए.
• ब्रिक्स फिल्म महोत्सव को विकसित किया जाए क्योंकि इस क्षेत्र में फिल्म निर्माण एक सांस्कृतिक गतिविधि का हिस्सा बन सकता है.
इसके अतिरिक्त सुजाता मेहता, सचिव(आर्थिक संबंध) विदेश मंत्री ने यह घोषणा की फ़रवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक 11 माह के लिए भारत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाए तो सम्पूर्ण विश्व किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है. इसके अतिरिक्त उन्होंने जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती बताया.
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