महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 1 मई 2015 को स्नैपडील और इसके सीईओ कुनाल बहल व संचालकों के खिलाफ डॉक्टर की लिखित अनुमति के बिना दवाइयां ऑनलाइन बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किया. औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अनुसार डॉक्टर की पर्ची के बिना दवाएं बेचना अपराध है.
एफडीए अधिकारी द्वारा जांच में पाए जाने पर कि जापानी इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने डीलर के साथ पूरे भारत में इसकी वेबसाइट स्नैपडील डॉट कॉम पर दवाओं की बिक्री और प्रदर्शन के लिए अनुबंध के आधार पर प्रवेश किया है और उनकी ओर से बिक्री से प्राप्त आय को प्राप्त करने की पेशकश की गई हैं तो एफआईआर दर्ज की जाएगी. एफडीए ने आपत्तिजनक दवाओं के साथ प्रदर्शित 45 दवाएं ऐसी भी पाईं जो औषधि और चमत्कारी उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है. एफडीए अन्य ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट और एमेजॉन की भी जांच करेगी.
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