जापान ने इस वर्ष अपने अनुसंधान के हिस्से के तौर पर उत्तर–पश्चिम प्रशांत महासागर में ह्वेल के शिकार करने के मौसम अप्रैल–जून महीने में 30 मिंक ह्वेल मछलियों को मार डाला. जापान ने यह हरकत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के इस देश पर ऐसे उद्देश्यों के लिए शिकार करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद की है.
जापानी फिशरीज एजेंसी ने कहा है कि ह्वेल के शिकार करने के मौसम के दौरान 30 मिंक ह्वेल पकड़े गए और उन्हें मियागी प्रीफैक्चर के इशीनोमाकि में मार डाला. इसमें यह भी कहा गया है कि एक दूसरा समूह समुद्र के सुदूर इलाके में इसका शिकार कर रहा है. इससे पहले मार्च 2014 में आईसीजे ने फैसला सुनाया था कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दक्षिणी महासागर (अंटार्कटिक ह्वेलिंग) में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए ह्वेल का शिकार करना अवैध है औऱ इसे बंद कर दिया जाना चाहिए. आईसीजे ने अपने फैसले में अंटार्कटिक में जापान के जेएआरपीए–II (वर्ष 2005 में शुरु) ह्वेलिंग प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने ऑस्ट्रेलिया और पर्यावरण समूहों द्वारा जापान के खिलाफ शिकायत की सुनवाई के बाद अंटार्कटिक में जापान के ह्वेलिंग प्रोग्राम पर अस्थायी रोक लगा दी थी. आईसीजे के अध्यक्ष जज पीटर टोमका ने कहा था कि अदालत के 16 सदस्यी पैनल ने फैसला किया है कि जापान द्वारा ह्वेल का शिकार किया जाना सही नहीं है.
अदालत ने प्रोग्राम के फिर से डिजाइन किए जाने तक ह्वेल के शिकार के परमिट पर प्रतिबंध लगा दिया था. दूसरी तरफ जापान ने भी इस फैसले को मानने के लिए हामी भर दी थी.
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