मिस्र और रूस ने 19 नवंबर 2015 को मिस्र में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौते के अंतर्गत रूस, मिस्र को दिए जाने वाले ऋण का विस्तार करेगा जिससे इस निर्माण की लागत को कवर किया जा सके.
इस संयंत्र के वर्ष 2022 तक पूरा होने की सम्भावना है.
समझौते की मुख्य विशेषताएं
• यह संयंत्र मिस्र का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा और देश के उत्तर में डब्बा नामक स्थान पर बनाया जाएगा.
• इस परियोजना के अंतर्गत चार रिएक्टरों वाला तीसरी पीढ़ी का संयंत्र निर्माण होने के लिए प्रस्तावित है.
• मिस्र इस संयंत्र की निर्माण लागत को वहन नहीं करेगा. इस लागत का भुकतान संयंत्र द्वारा उत्पादित ऊर्जा के विपणन के रूप में होगा.
पृष्ठभूमि
• मिस्र के इस डब्बा नामक स्थान पर वर्ष 1980 से यह संयंत्र स्थापित होने के लिए प्रस्तावित है. परन्तु वर्ष 1986 की चेरनोबिल(यूक्रेन) आपदा के बाद इस परियोजना को बंद कर दिया गया था.
• वर्ष 2006 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने पुनः इस परमाणु योजना को पुनर्जीवित करने की घोषणा की. परन्तु वर्ष 2011 की क्रांति ने मुबारक की सत्ता समाप्त कर दी. परन्तु बाद में वर्ष 2014 में अब्देल-फतह अल-सीसी ने इस परमाणु परियोजना को आगे लाने लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
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