केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने नवी मुंबई में मुंबई का दूसरा हवाई अड्डा बनाने की मंजूरी दे दी. नवी मुंबई में 1160 हेक्टेयर में बनने वाला प्रस्तावित हवाई अड्डा मौजूदा छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर उपनगरीय शहर नवी मुंबई में बनेगा. केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नागरिक विमानन मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के बीच 22 नवंबर 2010 को नवी मुंबई हवाई अड्डे के लिए सहमति बनी. ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2007 में कैबिनेट की मंजूरी के बाद केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित पर्यावरणीय कारणों से इस परियोजना पर आपत्ति जताई जा रही थी:
• मैनग्रोव जंगल को होने वाला नुकसान
• गाढ़ी नदी का रास्ता बदला जाना
• 90 मीटर ऊंचे पहाड़ का काटा जाना
• उल्वे वाटर बॉडी का रुख मोड़ा जाना
8722 करोड़ रु. की इस परियोजना की जांच के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने नरेश दयाल समिति का गठन किया था. इस परियोजना पर काम कर रही सिटी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (सिडको) से नरेश दयाल समिति ने पर्यावरण संबंधी कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था. सिडको ने 10 नवंबर 2010 को परियोजना में पर्यावरण के अनुकूल फेरबदल कर नरेश दयाल समिति से सहमति ले ली थी. केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा सिडको के बीच निम्नलिखित शर्तों और समझौतों पर सहमति बनी:
• 678 हेक्टेयर क्षेत्र में मैनग्रोव जंगल को बचाने और बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास
• एयरपोर्ट प्राधिकरण मोहा और पनवेल क्रीक के 60 हेक्टेयर क्षेत्र में नया मैनग्रोव पार्क बनाया जाएगा
• गाढ़ी नदी और मानखुर्द पनवेल रेल कॉरिडोर के बीच 310 हेक्टेयर क्षेत्र ग्रीन ज़ोन घोषित किया जाएगा.
• 98 हेक्टेयर निम्न स्तर के मैनग्रोव जंगल होंगे नष्ट
• रनवे के बीच की दूरी 1.8 किमी से घटाकर 1.55 किमी किया जाएगा, ताकि गाढ़ी नदी का रास्ता नहीं बदले
• पर्यावरण के हिसाब से 90 मीटर ऊंची पहाड़ी कम महत्वपूर्ण, अतः उसे काटा जा सकता है
• उल्वे वाटर बॉडी का रास्ता मोड़ा जाएगा, पर पर्यावरणीय क्षति को कम करने के लिए कई उपाय किए जाएंगे.
• 3000 परिवारों के समुचित पुनर्वास की व्यवस्था
मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों की यातायात व्यस्तता के कारण नागरिक विमानन मंत्रालय ने नवी मुंबई हवाई अड्डे को दो चरणों में पूरा करने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र सरकार इसे चार चरणों में पूरा करना चाह रही थी. प्रथम चरण का काम वर्ष 2014-15 तक होने की उम्मीद है. नवी मुंबई एयरपोर्ट परियोजना का विकास सार्वजनिक-निजी भागेदारी के तहत किया जाना है. इसमें निजी क्षेत्र का हिस्सा 74 फीसदी है और शेष सार्वजनिक क्षेत्र का है.
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