राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में 16वीं भारतीय सहकारिता कांग्रेस का उद्घाटन 25 जून 2013 को किया. 16वीं भारतीय सहकारिता कांग्रेस का विषय रखा गया- सहकारी उद्यम एक बेहतर विश्व का निर्माण करते हैं (Cooperative enterprises build a better world). इसका आयोजन 25-26 जून 2013 को तक निर्धारित है.
राष्ट्रपति के अनुसार सहकारी संस्थान लोकतंत्र के आदर्शों और बेहतर जीवन की बुनियाद हैं, जिनके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास संभव हुआ है. सहकारिता की रचना, रख-रखाव और विकास के पीछे यह दर्शन काम करता है कि प्रत्येक सदस्य बराबर है और सबके समान अधिकार और उत्तरदायित्व हैं. सहकारिता देश के दूरदराज इलाकों तक, जहां गरीब और वंचित लोग रहते हैं, उन तक पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है. सहकारिताओं को वाणिज्यिक रूप से मजबूत किया जाना चाहिए ताकि वे ग्रामीण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऋण, कृषि, पर्यटन, संचार आदि क्षेत्रों में प्रभावी रूप से काम कर सकें.
भारतीय सहकारिता कांग्रेस
• भारतीय सहकारिता कांग्रेस का उद्देश्य सहकारी आंदोलन के लिए विभिन्न प्रवृत्तियों के बारे में चर्चा करना और भारतीय सहकारी आंदोलन के लिए भविष्य की सामरिक नीतियों का निर्माण करना है.
• इसका आयोजन प्रत्येक 3 वर्ष में किया जाता है.
• भारतीय सहकारी कांग्रेस भारतीय सहकारी आंदोलन के सर्वोच्च मंच है.
• इसके सदस्यों में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एलायंस (आईसीए), संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), भारत सरकार, विभिन्न प्रांतीय सरकारें और सहकारी विकास संगठन शामिल हैं.
विदित हो कि इस अवसर पर पुस्तक कोऑपरेटिव सर्ज अहेड का विमोचन किया गया और पुस्तक की प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की गई.
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