लीबिया के पूर्व शासक कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के पुत्र सैफ अल इस्लाम गद्दाफी को उसके तीन अंगरक्षकों के साथ त्रिपोली से 650 किलोमीटर दक्षिण सबा के पास के शहर ओबारी से 19 नवंबर 2011 को गिरफ्तार कर लिया गया. उसे कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की सत्ता का उत्तराधिकारी माना जाता था. गिरफ्तारी के समय सैफ़ अल-इस्लाम पड़ोसी देश नीजेर भागने की कोशिश में था.
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर उसे वांछित घोषित कर रखा था.
लीबिया के अंतरिम न्याय मंत्री मुहम्मद अल अलागी ने कहा कि सत्तारुढ़ राष्ट्रीय परिवर्तन परिषद (नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल) चाहती है कि मुअम्मर गद्दाफी के बेटे सैफ अल इस्लाम गद्दाफी के खिलाफ देश में ही मुकदमा चलाया जाए और उन्हें हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) को नहीं सौंपा जाए. यह घोषणा ऐसे समय की गई है जबकि विश्व ताकतों ने लीबिया से अनुरोध किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को सहयोग दे. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि शासन विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए 39 वर्षीय सैफ अल इस्लाम के खिलाफ आईसीसी में मुकदमा चलाया जाए. आईसीसी ने 27 जून2011 को उसके और गद्दाफी के खिलाफ वॉरेंट जारी किए थे. इन पर निम्नलिखित सत्ता आरोप हैं.
• हत्याओं और प्रताड़ना जैसे मानवता के ख़िलाफ़ गुनाहों के लिए अप्रत्यक्ष सह-अभियुक्त
• 15 फ़रबरी से 28 फ़रबरी के बीच गद्दाफ़ी के सुरक्षाबलों ने आमलोगों के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध हमले किए
• सैफ़ अल-इस्लाम पर इस योजना पार अमल करने की ज़िम्मेदारी थी.
सैफ अल इस्लाम गिरफ्तार होने वाला कर्नल मुअम्मर गद्दाफी परिवार का पहला सदस्य है. देश की नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल (एनटीसी) के अंतरिम न्याय मंत्री मुहम्मद अल अलागी और अन्य अधिकारियों ने सैफ के पकड़े जाने की जानकारी दी. जिनतान के फील्ड कमांडर बशीर थाएल्बा ने बताया कि जब तक लीबिया में कोई ऐसी सरकार नहीं बन जाती जिसे सैफ को सौंपा जा सके, तब तक उसे जिनतान में ही रखा जाएगा.
लीबिया का पूर्व तानाशाह शासक कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की 20 अक्टूबर 2011 में अपने गृह नगर सिर्ते में पकड़े जाने के दौरान हत्या कर दी गई थी. कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की नौ संतानों में वर्ष 1972 में पैदा हुआ दूसरे नंबर का सैफ़ अल-इस्लाम को उसके पिता के बाद देश की दूसरी सबसे ताक़तवर हस्ती माना जाता था.
सैफ़ अल-इस्लाम ने खुद को उदारवादी सुधारक के तौर पर पेश कर पश्चिम जगत का समर्थन पाया लेकिन सत्ता के आखिरी दिनों में पिता द्वारा प्रदर्शनकारियों के चलाए दमन का साथ दिया. त्रिपोली के क्रांतिकारी बलों के हाथ में जाने के बाद सैफ अल-इस्लाम भूमिगत हो गया था.
सैफ अल इस्लाम ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनमिक्स से पीएचडी कर चुका है. कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के आठ बेटों में मोतासिम, खमीस और सैफ अल अरब अक्टूबर 2011 में युद्ध के दौरान मारे गए. एक बेटा सादी नाइजर में शरण लिए हुए है. हनीबल और मुहम्मद अल्जीरिया भाग गए हैं. सैफ पकड़ा गया जबकि बेटी आयशा भी अल्जीरिया में है.
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