कैलिफोर्निया के डेविस विश्वविद्यालय के ग्रेगरी लान्ज़रो के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक दल ने पश्चिम अफ्रीकी देश माली में सुपर मच्छर की एक ऐसी प्रजाति की खोज की, जो कीटनाशकों के प्रयोग से बनी मच्छरदानियों को भी बेअसर साबित कर सकते हैं. इस खोज की पुष्टि 6 जनवरी 2015 को ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ (PNAS) की पत्रिका में की गई.
इस अध्ययन के अनुसार, मच्छर की यह प्रजाति कीटनाशकों के लिए प्रतिरोधी है. अध्ययन में पता चला की मानव द्वारा किए जा रहे परिवर्तन, जैसे कीटनाशकों के प्रयोग से बनी मच्छरदानी इस प्रजातियों के विकास को बदल सकती है. इसके साथ ही अब नई और प्रभावी मलेरिया नियंत्रण रणनीति विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है.
इस शोध में बताया गया है कि एक एनाफिलीज गैम्बी (मच्छर की एक प्रजाति) जो की पश्चिमी अफ्रीका में मलेरिया के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है को दूसरे मलेरिया पैदा करने वाली प्रजाति- ए कॉलजी के साथ ब्रीड किया गया. इन दोनों प्रजातियों के प्रजनन से उत्पन्न प्रजाति को सुपर मच्छर कहा गया, जिन पर कीटनाशकों से बनी मच्छरदानियों का असर नहीं होता.
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