ब्राउन विश्वविद्यालय में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लार के माध्यम से ब्लड शुगर का पता लगाने वाली एक नई बायोचिप सेंसर विकसित की.
यह एक ऐसी युक्ति है जो बिना रक्त निकाले मधुमेह से ग्रस्त लोगों का ग्लूकोज स्तर का परीक्षण करने में सक्षम होगी.
बायोचिप एक इंच चौकोर क्वार्ट्ज के टुकड़े से बनी है जिस पर चाँदी की पतली परत चढ़ी है. चाँदी में प्रत्येक साइड पर छोटे-छोट हजारों नैनोस्केल इंटरफेरोमीटर छिद्र एक प्रणाली में लगे हैं.
नई चिप विशिष्ट रासायनिक प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला के साथ प्लासमोनिक इंटरफेरोमेट्री का उपयोग करती है. प्रकाश के उपयोग से यौगिकों के रासायनिक गुणों का पता लगाया जा सकता है.
डिवाइस काफी संवेदनशील है जो सैंपल वाल्यूम में ग्लूकोज सांद्रता में होने वाले सिर्फ कुछ हजार अणुओं के अंतर का पता लगाने में सक्षम है. खांचों का साइज 200 नैनोमीटर तथा छिद्रों का साइज 100 नैनोमीटर है जो मनुष्य के बाल से 1000 गुना छोटा है.

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