भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 7 जून 2012 को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में संपूर्ण स्वच्छता अभियान का नाम बदलकर निर्मल भारत अभियान कर दिया गया. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़े-कचरे के प्रबंधन व निपटान के लिए प्रत्येक गांव को एकमुश्त वित्तीय मदद देने का निर्णय किया. कूड़े-कचरे के प्रबंधन व निपटान के लिए जनसंख्या के आधार पर प्रत्येक गांव को न्यूनतम सात लाख और अधिकतम 20 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जानी है.
केंद्र सरकार ने खुले में शौच करने की प्रवृत्ति खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक शौचालय बनाने पर दी जाने वाली वित्तीय मदद को बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का निर्णय लिया. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इंदिरा आवास योजना के मकानों में शौचालय अनिवार्य रूप से बनाए जाएंगे.
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