राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत के क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (40) और प्रख्यात वैज्ञानिक सी एन आर राव (79) को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया. यह सम्मान 4 फरवरी 2014 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के डरबन हॉल में सम्मान दिया गया. भारत रत्न से नवाजे जाने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर की हुई सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक दिया जाता है. इसमें कोई धन राशि नहीं होती.
इस सम्मान के साथ, सचिन भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित होने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. वह इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं. मास्टर ब्लास्टर सचिन ने 16 नवम्बर 2013 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. सचिन ने यह पुरस्कार अपनी मां को समर्पित किया.
प्रोफेसर सी.एन.आर. राव (चिंतामणि नगेश रामचंद्र राव) इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले तीसरे वैज्ञानिक है. इससे पहले सी.वी. रमन और भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को यह सम्मान मिल चुका है. राव सालिड स्टेट एंड मटीरीअल रसायनशास्त्र क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हैं. अब तक उनके 1400 शोध पत्र और 45 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
इस तरह तेंदुलकर और राव भारत रत्न से सम्मानित 41 व्यक्तियों की सूची में शामिल हो जायेंगे, जिन्हें इस सम्मान से नवाजा गया है. दोनो को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है. 1954 में गठित भारत का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान विशिष्ट सेवा की मान्यता के तौर पर दिया जाता है.
वर्तमान में, प्रोफेसर सी.एन.आर. राव भारत के प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के प्रमुख है. इस सम्मान के साथ खिलाड़ियों को समायोजित करने के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2011 में खिलाड़ी की पात्रता मानदंडों को संशोधित किया था. इसके अलावा, सचिन देश के पहले सक्रिय खिलाड़ी है जो राज्यसभा सदस्य बने. वे 2013 में राज्य सभा के सदस्य बने.
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री ने दिशा निर्देश जारी किए कि भारत के संविधान के अनुसार प्राप्तकर्ता इसे नाम से पहले उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता है. लेकिन सम्मानप्राप्त व्यक्ति अपने बायोडाटा, विजटिंग कार्ड या लेटर हैड में राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित शब्द का प्रयोग कर सकते है. भीमसेन जोशी को 2009 में यह पुरस्कार जीतने मिला था. चार साल के अंतराल के बाद इस साल भारत रत्न की घोषणा की गई है.
भारत रत्न पुरस्कार
भारत के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 2 जनवरी 1955 को इस पुरस्कार की स्थापना के लिए आदेश दिया था. राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार, किसी को भी मरणोपरांत यह पुरस्कार देने की अनुमति नहीं थी. जनवरी 1966 में इस के लिए एक प्रावधान डाला गया था. आज तक, 12 लोगों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस शामिल हैं. बोस को यह सम्मान 1992 में दिया गया था लेकिन कानूनी दिक्कतों की वजह से वापस ले लिया गया. बोस का यह मामला पुरस्कार की वापसी का केवल और आखिरी मामला है. भारतीय गणराज्य में पूर्वता अधिपत्र यानी प्रोटोकॉल सूची (महत्वपूर्ण पदों के पदानुक्रम) में भारत रत्न को सातवें स्थान पर रखा गया है.
भारत रत्न से सम्मानित गैर भारतीय
• खान अब्दुल गफ्फार खान (1987)
• नेल्सन मंडेला (1990)
भारत रत्न से सम्मानित देशीयकृत भारतीय नागरिक
• मदर टेरेसा (1980)
पुरस्कार से सम्मानित किए गए सबसे बड़े जीवित व्यक्ति
• धोंडो केशव कर्वे (उम्र 100)
मरणोपरांत सबसे बड़े व्यक्ति
• वल्लभभाई पटेल सबसे बड़े है (मरणोपरांत 75 वर्ष की आयु में)
सी राजगोपालाचारी, सी.वी. रमन और राधाकृष्णन को सबसे पहले 1954 में इस पुरस्कार से सम्मानित करने किया गया था. राजगोपालाचारी स्वतंत्रता कार्यकर्ता और भारत के एकमात्र भारतीय गवर्नर जनरल थे. सी.वी. रमन मद्रास के एक भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता थे और राधाकृष्णन 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति और 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी थे.
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