सरकार ने 1 सितंबर 2015 को ए पी शाह कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार किया जिसके अंतर्गत विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (मैट) की छूट दी गयी है.
इसके अनुसार एफआईआई से अब 1 अप्रैल 2015 से पहले का मैट भी नही वसूला जायेगा. इससे पहले बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 अप्रैल 2015 से एफआईआई से मैट नही वसूलने की घोषणा की थी.
एफआईआई को यह छूट देने के लिए आयकर कानून में संशोधन किये जायेंगे जिसके लिए सरकार संसद के शीत सत्र में प्रस्ताव पेश करेगी. इससे विदेशी निवेशकों का भारत में निवेश हेतु भरोसा बढेगा. वर्ष 2014-15 में विदेशी निवेशकों ने भारत में 20 अरब डॉलर का निवेश किया है.
आयकर विभाग ने इससे पहले की अवधि के लिए 68 एफआईआई को 602 करोड़ रुपए के मैट पर बकाये का नोटिस दिया था जिसे विदेशी निवेशकों कोर्ट में चुनौती दे दी. कमेटी को सरकार ने यह पता लगाने के लिए कहा था कि क्या 1 अप्रैल से पहले एफआईआई पर मैट लग सकता है या नहीं. कमेटी ने जुलाई में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप दी थी.
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