साहित्यकार डॉ. कैलाश वाजपेयी का दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के एक अस्पताल में 1 अप्रैल 2015 को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. मुख्य रूप से वह हिन्दी के साहित्यकार थे, परन्तु उन्होंने हिंदी के साथ –साथ अंगेजी भाषा में भी लेखन कार्य किया.
उनके परिवार में पत्नी डॉ. रूपा वाजपेयी और पुत्री अनन्या वाजपेयी हैं. उनका अंतिम संस्कार लोदी श्मशान घाट में कर दिया गया. उन्हें उनकी बेटी अनन्या ने मुखाग्नि दी.
उनके अंतिम संस्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर, नृत्यांगना कपिला वात्स्यायन, आलोचक आशीष नंदी, वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर मंडलोई और विष्णु नागर सहित अनेक राजनेता और बुद्धिजीवी मौजूद थे.
डॉ. कैलाश वाजपेयी से संबंधित मुख्य तथ्य
• डॉ. कैलाश वाजपेयी का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 11 नवंबर 1936 को हुआ था.
• डॉ. वाजपेयी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाचस्पति की उपाधि प्राप्त की और कई पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहे.
• उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज में अध्यापन किया और वर्ष 2004 में सेवानिवृत हुए. काव्य संग्रह 'हवा में हस्ताक्षर' पर उन्हें वर्ष 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था.
• डॉ. कैलाश वाजपेयी वर्ष 2008 से 2013 तक साहित्य अकादमी की सामान्य परिषद के सदस्य भी रहे.
• उनकी कविता ‘नया राष्ट्रगीत’ को प्रतिबंधित कर दिया गया था.
• वर्ष 2002 में व्यास सम्मान से सम्मानित
• लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए, पी-एच.डी.
• वर्ष 1960 में टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन संस्थान द्वारा बम्बई में नियुक्ति.
• वर्ष 1961 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्राध्यापन.
• दिल्ली दूरदर्शन के लिए कबीर, हरिदास स्वामी, सूरदास, जे. कृष्णामूर्ति, रामकृष्ण परमहंस और बुद्ध के जीवन-दर्शन पर फिल्म-निर्माण.
• भारतीय दूरदर्शन की हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य.
प्रकाशित प्रमुख कृतियां
शोध प्रबन्ध : आधुनिक हिन्दी-कविता में शिल्प (1963).
कविता संग्रह : संक्रान्त (1964), देहांत से हटकर (1968), तीसरा अँधेरा (1972), महास्वप्न का मध्यान्तर (1980), प्रतिनिधि कविताएँ (1988), सूफ़ीनामा (1992, सूफ़ीनामा (द्वितीय संस्करण- 1998), भविष्य घट रहा है (1999), हवा में हस्ताक्षर (2005), शब्द संसार (2006), अनहट (2007), मॉस्को में दिल्ली के दिन (कविता संकलन रूसी भाषा में), हिन्दी कविता में शिल्प,
भारतीय कविता के संपादित-अनूदित संकलन : इंडियन पोयट्री टुडे 1976), विजन्स एंड मिथ्स (1971).
संपादित कविता-संकलन: मोती सूखे समुद्र का (1988).
दर्शन : द साइंस ऑफ़ मंत्राज़ (1981, अंग्रेज़ी भाषा में), एस्ट्रा-कॉम्बिनेशंस (1987, अंग्रेज़ी भाषा में)
नाटक : युवा संन्यासी, विवेकानन्द (1991)
सार : आख्यायिकाएँ (1994)
निबंध संग्रह : समाज दर्शन और आदमी (1995), आधुनिकता उत्तरोत्तर (1996)
एन एंथालिजि ऑफ़ माडर्न हिंदी पोएट्री (1996)
प्रबंध काव्य : पृथ्वी का कृष्णपक्ष (1995)
रूसी, जर्मन, स्पहानी, डेनिश, स्वीडिश और ग्रीक आदि भाषाओं में कविताएँ अनूदित-प्रकाशित
सम्मान
• हिंदी अकादमी (1995)
• एस.एस. मिलेनियम अवार्ड (2000)
• व्यास सम्मान (2002)
• ह्यूमन केयर ट्रस्ट अवार्ड (2005)
• अक्षरम् का विश्व हिन्दी साहित्य शिखर सम्मान (2008)
• साहित्य अकादमी पुरस्कार (2009)
विश्लेषण
वह 'दार्शनिक मिजाज' के कवि थे, जिन पर भारतीय अद्वैतवाद और बौद्धदर्शन का गहरा प्रभाव लक्षित किया जा सकता है. सातवें दशक के विद्रोही कवि रहे वाजपेयी ने कविता के शिल्प में भी परिवर्तन किया था. काव्यानुभव और काव्यभाषा दोनों दृष्टि से 'उनकी कविता' आधुनिक काव्य के बीच उल्लेखनीय मानी जा सकती है.
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