सीएसओ ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए राष्ट्रीय आय का आकलन जारी किया

Jun 2, 2015, 17:49 IST

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 29 मई 2015 को अंतरिम अनुमान के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए राष्ट्रीय आय का आकलन जारी किया.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 29 मई 2015 को अंतरिम अनुमान के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए राष्ट्रीय आय का आकलन जारी किया.

इसके अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2014-15 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा जबकि मौजूदा मूल्य के अनुसार यह 10.5 प्रतिशत बढ़ सकता है.

इसके अतिरिक्त सीएसओ ने वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) तक के लिए भी अनुमान जारी किया. स्थिर मूल्यों पर क्यू4 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि मौजूदा मूल्यों पर वृद्धि 7.7 प्रतिशत होने का अनुमान है.

मुख्य बिंदु

वित्तीय वर्ष 2014-15 में (स्थिर मूल्यों पर) वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 106.44 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ने की उम्मीद है.


वर्ष 2014-15 में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए), स्थिर मूल्य पर 98.27 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है.

सकल राष्ट्रीय आय में वर्ष 2014-15 के दौरान 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2013-14 में यह 6.8 प्रतिशत थी.

वर्ष 2014-15 के दौरान प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 74,104 रुपए होने का अनुमान है जो कि वर्ष 2013-14 में 69,959 रुपए थी.

प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय में वर्ष 2014-15 के दौरान 5.9 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है जबकि 2013-14 में यह 5.4 प्रतिशत थी.

वर्ष 2014-15 में प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय की औसत से 87,748 रुपए रहने का अनुमान है जबकि 2013-14 में यह 80,388 रुपए थी.

खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पाद, विद्युत् तथा अन्य सुविधाओं पर थोक मूल्य सूचकांक क्रमशः 6.1 प्रतिशत, 2.4 प्रतिशत, 5.7 प्रतिशत तथा 2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वर्ष 2014-15 के लिए 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.

सकल घरेलू उत्पाद के संदर्भ में कुल निश्चित पूंजी निर्माण की दर 28.7 से 30.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, वर्ष 2013-14 में यह दर 29.7 से 30.7 प्रतिशत के बीच थी.

क्षेत्रानुसार वृद्धि

वे क्षेत्र जिनमे वर्ष 2014-15 में वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रही उनमें व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं, वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं, बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएं शामिल हैं.

कृषि, वानिकी तथा मछली पकड़ने,  'खनन एवं उत्खनन' तथा निर्माण के क्षेत्रों में क्रमशः 0.2, 2.4 तथा 4.8 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है.

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी की गयी तीसरी अग्रिम अनुमानित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014-15 में  खाद्यान उत्पादन में 2.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी.

खनन एवं उत्खनन में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है जबकि इसका न्यूनतम अनुमान 2.3 प्रतिशत है.

विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत है जबकि अग्रिम अनुमान 6.8 प्रतिशत लगाया गया है.  विनिर्माण क्षेत्र में कॉरपोरेट क्षेत्र की कम्पनियों के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा गया है.


व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं द्वारा वर्ष 2014-15 में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जबकि अग्रिम अनुमान 8.4 प्रतिशत था.

वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं में वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत दर्ज की गयी, इसकी अग्रिम अनुमान दर 13.7 प्रतिशत थी.

लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, इसके लिए अग्रिम अनुमान दर 9.0 प्रतिशत थी.

टिप्पणी

वर्ष 2014-15 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अंतरिम अनुमान को विश्व की प्रमुख संस्थाओं जैसे आईएमएफ तथा विश्व बैंक ने इसमें अपनी सहमति जताई है. इन संस्थानों के अनुसार भारत विश्व की तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है तथा चीन की 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर को भी पीछे छोड़ देगा.

इसके अतिरिक्त, 125.4 लाख करोड़ रूपए की मौजूदा कीमतों पर भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक हो चुका है जिससे भारत ने विश्व में स्वयं को दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया.

मौजूदा मंदी के बावजूद 10.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ चीन की अर्थव्यवस्था भारत से पांच गुना अधिक विशाल है जबकि 17.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ अमेरिका प्रथम स्थान पर है.

इसके अतिरिक्त विशेषज्ञों ने आंकड़ों में विसंगतियां भी पायी हैं जैसे विनिर्माण के अनुरूप अनुमानित वृद्धि 7.1 प्रतिशत है जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के तहत यह वृद्धि 2.3 प्रतिशत दर्ज की गयी.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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