सुप्रीम कोर्ट ने सेना में पदोन्नति के कमान्ड एग्जिट मॉडल को बरकरार रखा

Feb 23, 2016, 15:55 IST

2009 के सीईएम का उद्देश्य वाहिनी और ब्रिगेड के कमांडरों की उम्र कम करने के साथ– साथ सैन्य अधिकारियों के करिअर से जुड़े विषयों में सुधार करना है.

15 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पदोन्नति के कमान्ड एग्जिट मॉडल को बरकरार रखने का फैसला सुनाया. 2009 के सीईएम का उद्देश्य वाहिनी और ब्रिगेड के कमांडरों की उम्र कम करने के साथ– साथ सैन्य अधिकारियों के करिअर से जुड़े विषयों में सुधार करना है.

सीईएम को बरकरार रखते हुए जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने पदोन्नति के लिए योग्य अधिकारियों को समायोजित करने के लिए केंद्र सरकार को कर्नल के 141 अतिरिक्त पद बनाने का निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने सैन्य सेवा अधिकारियों के लाभ में विस्तार की याचिका ठुकरा दी.

खंडपीठ ने कहा कि सीएमई का इरादा सेना को अधिक कुशल एवं स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार करना है, इसलिए इस विषय में कुछ भी अनुचित, अविवेकपूर्ण या अन्यायपूर्ण नहीं है.

एएफटी का मार्च 2015 का आदेश

खंडपीठ ने यह फैसला सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के 2 मार्च 2015 के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया.

एएफटी ने अपने मार्च 2015 के आदेश में कहा था कि कर्नलों (या सीईएम) के लिए 2009 पदोन्नति नीति भेदभावपूर्ण है क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है और यह अन्य सैन्य एवं सेवाओं के अधिकारियों की तुलना में वाहिनी और तोपखाना अधिकारियों के पक्ष में है.

क्या है मामला?
मामला 2001 में गठित अजय विक्रम सिंह समिति (एवीएससी) की सिफारिशों पर आधारित है. इस समिति ने 2004 में अपनी रिपोर्ट जमा की थी.

एवीएससी की सिफारिशों के आधार पर कर्नल के पद के  लिए पहले चरण में 2005 से 2008 के बीच 750 रिक्तियां 'यथानुपात आधार' पर उनकी क्षमताओं पर वितरित की गईं.

2009 में बाकी बचीं 734 रिक्तियां नई सीईएम नीति के तहत वितरित की गईं, सेना मुख्यालय ने इसके लिए सरकार से मंजूरी नहीं ली थी और इसकी वजह से वाहिनी के 441 और  तोपखाना के 186 का घेराव हुआ.

चूंकि सेना तीन रुपों – सशस्त्र सेना (कॉम्बैट आर्म्स), सशस्त्र सहायता सेना (कॉम्बैट सपोर्ट आर्म्स) और सेवाएं (सर्विसेस), से बनी है, लेकिन सेवाओं के लिए अतिरिक्त पद नहीं बनाए जाने के कारण 30 अधिकारियों ने एएफटी में सीईएम नीति को चुनौती दी थी.

एएफटी के मार्च 2015 में दिए आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

अजय विक्रम सिंह समिति (एवीएससी)

वर्ष 2000 में के सुब्रमण्यम की अध्यक्षा में गठित कारगिल समीक्षा समिति की रिपोर्ट के आधार पर 2001 में भूतपूर्व रक्षा सचिव अजय विक्रम सिंह की अध्यक्षता में एक पैनल बनाया गया था.

इसकी स्थापना दो मुख्य उद्दश्यों के साथ सेना पदोन्नति नीति के मुद्दे पर गौर करने के लिए किया गया था. ये उद्देश्य थे– वाहिनी और ब्रिगेड कमांडरों के उम्र में कमी के साथ– साथ सैन्य अधिकारियों के करिअर संबंधी महत्वाकांक्षाओं में सुधार.

एवीएससी ने निम्नलिखित सिफारिशें की थी–
•    अन्य बलों में अल्प–कालिक प्रतिनियुक्ति की अनुमति और मध्यम स्तर पर ठहराव को कम करने के लिए इसे 'पील ऑफ' फैक्टर कहना.
•    कर्नल की उम्र 36 से 37 वर्ष जबकि ब्रिगेडियर की उम्र 44 से 45 वर्ष होनी चाहिए.
•    इसने 'कमांड–एंड–एग्जिट' पॉलिसी की सिफारिश की थी जिसके अनुसार कर्नल दो से तीन वर्षों तक वाहिनी के कमांडर की तरह काम करेंगे और जैसे ही वे 40 वर्ष के होंगे पद के गैर–कमांड पद चले जाएंगे.
•    उम्र को कम कर 37 वर्ष करना, समिति ने कर्नलों के लिए अतिरिक्त पद बनाने की सिफारिश की थी.
•    पाया गया था कि भारतीय सेना इस्राइल, अमेरिका, रूस और पाकिस्तान की सेनाओं के मुकाबले उम्रदराज है.

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News