केंद्र सरकार ने हिमालय संबंधी अध्ययन हेतु उत्तराखंड में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की. इसकी घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नई दिल्ली में आयोजित उच्चतर और तकनीकी शिक्षा के राज्य सचिवों के सम्मेलन में 17 जून 2014 को की. इस विश्वविद्यालय में एक अंतरराष्ट्रीय संकाय का भी प्रावधान रखा गया है.
केंद्र सरकार हिमालयी तकनीक पर केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने के साथ ही वर्ष 2014 के अंत तक एक राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय एवं ‘हिमालय पर राष्ट्रीय मिशन’ व हिमालयी स्थिरता कोष (‘हिमालयन सस्टेनेबलिटी फंड’, Himalayan Sustainability Fund) शुरू करने की भी घोषणा की.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के अनुसार इस विश्वविद्यालय में श्रेष्ठतम अध्यापकों की नियुक्ति के लिए भारत ही नहीं विदेश से भी विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा. इसमें न सिर्फ पर्याप्त संख्या में हिमालय संबंधी विषयों के जानकार तैयार होंगे, बल्कि यहां उच्च स्तरीय शोध भी हो सकेगा.
इस तरह का कोई भी संस्थान (विश्वविद्यालय) देश में नहीं है.
विश्लेषण
जबकि हिमालय पर ना सिर्फ ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, बल्कि यहां उपलब्ध रहने वाली वनस्पतियों में भी भारी कमी आई है, ऐसी दशा में यह विश्वविद्यालय अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.
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