हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से अधिक खतरनाक क्यों है

परमाणु विशेषज्ञों के मुताबिक हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली हो सकता है. परमाणु बम और हाइड्रोजन बम के बीच मुख्य अंतर 'विस्फोट प्रक्रिया' का है. आइये इस लेख के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं कि कौन सा बम हाइड्रोजन या परमाणु शक्तिशाली होता है, कौन सा ज्यादा खतरनाक है, यह कैसे काम करता है आदि.

Oct 24, 2017, 13:06 IST
What is the difference between hydrogen and atomic bomb
What is the difference between hydrogen and atomic bomb

Ventuno

ये हम सब जानते है कि दूसरे विश्व युद्ध के अंत में अमेरिका ने जापान पर दो परमाणु बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए थे जिसकी वजह से 200,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे और बहुत नुकसान हुआ था. इसी प्रकार से हाइड्रोजन बम भी है जिसका परिक्षण हाल ही में नोर्थ कोरिया ने किया है. परन्तु सवाल यह उठता है कि कौन सा हाइड्रोजन या परमाणु बम खतरनाक होता है. इनके बीच में क्या अंतर हैं. यह कैसे काम करते हैं और कौन सा बम अधिक शक्तिशाली होता हैं. आइये इस लेख के माध्यम से इन सब सवालों के जवाबों को जानने की कोशिश करते हैं. परमाणु बम और हाइड्रोजन बम के बीच मुख्य अंतर 'विस्फोट प्रक्रिया' का है.
परमाणु बम

What is atomic bomb
Source: www.voiceseducation.org.com
परमाणु बम को नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाया जा सकता है. इसमें फिशन यानी विखंडन की प्रक्रिया होती है. फिशन में परमाणुओं को हल्के तत्वों में विखंडित करने से ऊर्जा निकलती है. ऐसा कहा जाता है कि एक हजार किलोग्राम से बड़ा परमाणु बम इतनी उर्जा उत्पन्न कर सकता है, जितनी कई अरब किलोग्राम विस्फोटकों से उत्पन्न हो सकती है. क्या आप जानते है कि परमाणु बम को महाविनाशकारी हथियार कहा जाता है.
सबसे शक्तिशाली विस्फोटक ‘ब्लॉकबस्टर’ का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध में किया गया था. इसको बनाने में 11 टन ट्राईनाइट्रीटोलीन का इस्तेमाल हुआ था.
हाइड्रोजन बम

What is Hydrogen Bomb
Source: www.wordpress.com
परमाणु बम का ही एक प्रकार हाइड्रोजन बम है. हाइड्रोजन बम अधिक शक्तिशाली होता है. परमाणु विशेषज्ञों के मुताबिक हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली हो सकता है. हाइड्रोजन बम में फ्यूज़न या संलयन की प्रक्रिया होती है. फ्यूज़न में दो हल्के परमाणुओं के मिलने से भारी तत्व बनने पर ऊर्जा बनती है.
इसको बनाने में हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम और ट्राइटिरियम का प्रयोग होता है और परमाणुओं के संलयन से ही विस्फोट होता है. क्या आप जानते हैं कि इस संलयन के लिए बड़े ऊंचे ताप लगभग 500,00,000° सें. की आवश्यकता पड़ती है और यह ताप सूर्य के ऊष्णतम भाग के ताप से बहुत ज्यादा है. जब परमाणु बम द्वारा आवश्यक ताप उत्पन्न हो जाता है तभी हाइड्रोजन परमाणु संलयित होते हैं. इस संलयन की वजह से जो ऊष्मा और शक्तिशाली किरणें उत्पन्न होती है वह हाइड्रोजन को हीलियम में बदल देती हैं.

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यह बम कैसे काम करते हैं

परमाणु बम

परमाणु बम को फिशन बम भी कहते है. विखंडन सामग्री यूरेनियम या प्लूटोनियम की सुपरक्रिटिकल द्रव्यमान या एक परमाणु श्रृंखला प्रतिक्रिया को शुरू करने के लिए आवश्यक मात्रा को  मिलाया जाता है. जब बम में विस्फोटक पदार्थ का विस्फोट किया जाता है तो परमाणु श्रृंखला प्रतिक्रिया बंद हो जाती है, जिसके कारण विस्फोट होता है.

हाइड्रोजन बम

हाइड्रोजन बम को थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहते हैं. इस फ्यूज़न बम को एक विकिरण कंटेनर के अंदर रखा जाता है जिसमें ट्रिटियम या ड्यूटिरियम जैसे संलयन ईंधन होते है. ये दोनो  हाइड्रोजन के आइसोटोप हैं. विस्फोटक सामग्री, विखंडन बम विस्फोट और प्राथमिक प्रतिक्रिया का कारण बनता है. यह फिर संलयन ईंधन को संकुचित करता है जो कि माध्यमिक प्रतिक्रिया के रूप में आगे की परमाणु श्रृंखला प्रतिक्रिया यानी चेन रिएक्शन का कारण बनता हैं.

ü ध्यान दें कि ये दोनों संलयन और विखंडन प्रक्रिया लगभग तुरंत ही होती है.

हाइड्रोजन बम का परिक्षण किस-किस देश ने किया हैं

सबसे पहले अमेरिका, फिर रूस, चीन, फ्रांस हाइड्रोजन बम के परीक्षण कर चुके हैं और अब नार्थ कोरिया ने भी इस बम का सफल परीक्षण कर लिया है.

सबसे पहले परिक्षण किस देश ने किया था

परमाणु बम

न्यू मैक्सिको के जर्नाडा डेल मयरेटो (Jornada Del Muerto) रेगिस्तान में 16 जुलाई, 1945 को संयुक्त राज्य की सेना द्वारा आयोजित प्लूटोनियम विस्फोट का प्रयोग करते हुए ट्रिनिटी नामित एटम या परमाणु बम कोड का पहला विखंडन डिवाइस परीक्षण किया गया था. इसमें टीएनटी का  अनुमानित 20 किलोटन का विस्फोटक उत्पादन हुआ था.

हाइड्रोजन बम

आईवी माइक,1 नवंबर, 1952 को संयुक्त राज्य अमेरिका के एनेवेट प्रशांत महासागर पर एक पूर्ण पैमाने पर थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस का पहला सफल परीक्षण किया गया था. इसमें तकरीबन टीएनटी का 10.4 से 12 मेगाटन अनुमानित विस्फोटक का उत्पादन हुआ था.

इन बम का सबसे शक्तिशाली संस्करण क्या है

परमाणु बम: आइवी किंग संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा परीक्षण किया गया सबसे बड़ा विखंडन परमाणु बम था. इसे नवंबर 16, 1952 को एनोवेट एटोल में रुनित द्वीप पर बी -36 एच बॉम्बर से फेका गया था, जिसके परिणामस्वरूप 500 किलोटन का विस्फोट हुआ था.

हाइड्रोजन बम: टसार बम, एएनटी 602 हाइड्रोजन बम का उपनाम था, जिसका अक्टूबर 30, 1961 को आर्किटिक सर्किल में मितुशिखा खाड़ी में सोवियत संघ द्वारा परिक्षण किया गया था. यह सबसे ताकतवर परमाणु हथियार था जो कभी विस्फोट हुआ था और मानव इतिहास में सबसे शक्तिशाली मनुष्य द्वारा बनाया गया विस्फोटक है. इसमें 50 मेगाटन टीएनटी का विस्फोट हुआ था.

परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non Proliferation treaty)

5 मार्च,1970 को 189 राज्यों के बीच में यह संधि हुई थी. इसके तीन मुख्य स्तंभ हैं अप्रसार(Non proliferation), निरस्त्रीकरण (disarmament) और शांतिपूर्ण उपयोग (peaceful use). हर 5 साल के बाद इसकी समीक्षा होती है.

उपरोक्त लेख से यह जानकारी मिलती है कि परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में कौन सा ज्यादा खतरनाक होता है और क्यों, यह बम कैसे काम करते है, कैसे बनते है आदि.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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