उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित सबसे प्रमुख राज्यों में से एक है। यह राज्य 2011 की जनसंख्या के मुताबिक, सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इसके साथ ही भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश ही है। यहां की संस्कृति, अनूठी परंपराएं, खानपान, वेशभूषा और भाषाएं इस राज्य को और भी खास बनाने का काम करती हैं।
यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2018 की एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत यहां अलग-अलग वस्तुओं की पहचान की है और वस्तुओं के हिसाब से शहरों को नई पहचान मिली है।
उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश का अयोध्या जिला गुड़ के लिए जाना जाता है, जबकि औरैया जिला देसी घी के लिए जाना जाता है। इसी प्रकार क्या आप जानते हैं उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला एल्युमिनियम के बर्तनों के लिए जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में हम जानेंगे।
उत्तर प्रदेश सबसे अधिक जिले वाला राज्य
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां पर कुल 18 मंडल हैं, जिनके अंतर्गत 75 जिले आते हैं। यहां के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो वह लखीमपुर खीरी है। इसके साथ ही सबसे छोटा जिला भदोही जिला है। वहीं, उत्तर प्रदेश के प्रमुख साक्षरता दर वाले जिलों की बात करें, तो इसमें गौतम बुद्ध नगर, कानपुर, गाजियाबाद और मेरठ आदि का नाम है।
कौन-सा जिला एल्युमिनियम के बर्तनों के लिए है मशहूर
उत्तर प्रदेश के हर जिले की अपनी एक पहचान है, जो कि उन्हें स्थानीय स्तर पर बनने वाले उत्पाद, कृषि उत्पाद, भौगोलिक क्षेत्र और खान-पान व एतिहासिक स्थलों की वजह से मिली हुई है। इस कड़ी में एक शहर ऐसा भी है, जो बर्तनों के लिए जाना जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला-एक उत्पाद वेबसाइट के मुताबिक, कानपुर देहात जिला एल्युमिनियम के बर्तनों के लिए जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है बर्तनों का शहर
उत्तर प्रदेश की एक जनपद-उत्पाद वेबसाइट के मुताबिक, कानपुर देहात का पुखरायां क्षेत्र एल्युमिनियम बर्तन के निर्माण के लिए जाना जाता है। एल्युमिनियम एक हल्की धातु होती है, जो की थर्मल कंडक्टिविटी के लिए भी अच्छी होती है।
वहीं, यह जंग के कई रूपों का भी प्रतिरोधी होता है। एल्युमिनियम आमतौर पर कॉस्ट, शीट या एनोडाइज्ड ग्रुप में उपलब्ध होता है और वास्तविक रूप से इसे अन्य धातुओं के साथ जोड़कर बनाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के इस जिले में बाल्टी, प्लेट, गिलास, चम्मच और प्रेशर कुकर बनाए जाते हैं। इस तरह के विभिन्न उत्पादों को हमीरपुर, झांसी, कानपुर, बांदा, इटावा और औरैया जैसे अन्य जिलों में भी बेचा जाता है।
जिले का एक परिचय
कानपुर देहात जिले के परिचय की बात करें, तो यह जिला 23 अप्रैल 1981 को बनाया गया था, जो कि कानपुर मंडल के अंतर्गत आता है। इस जिले में जैनपुर, रानिया, झींझक, रसूलाबाद और डेरापुर नाम से पांच औद्योगिक क्षेत्र हैं।
यह जिला प्रमुख रूप से कृषि के लिए जाना जाता है और यहां की मुख्य फैसले तेल के बीज, धान, गन्ना, आलू और गेहूं है। इस जिले की मुख्य नदियों की बात करें, तो वह पांडु और रिन्ध नदी है। यहां पर बर्तनों के अलावा चमड़ा उत्पाद, हैंडलूम कपड़ा, जूते, ट्रैक्टर-ट्रॉली, सरसों का तेल और कृषि उपकरण बनाए जाते हैं।
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