रेलवे बजट (2010-11)

रेलवे बजट में यात्री किराए व माल भाड़े में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं की गई। पहली बार रेलवे के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर जोर दिया गया । इस बजट में भी ममता का जोर पश्चिम बंगाल पर ही था।

Jagran Josh
Aug 1, 2011, 14:35 IST

रेलवे बजट (2010-11)

 

"रेलवे बजट में यात्री किराए व माल भाड़े में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं की गई। पहली बार रेलवे के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर जोर दिया गया । इस बजट में भी ममता का जोर पश्चिम बंगाल पर ही था। "

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2010-11 का रेल बजट पेश करते हुए यात्री किराए व माल भाड़े में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं की। पिछले रेल बजट की तरह ही इस बार भी ममता बनर्जी ने अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल पर अपनी विशेष ममता उड़ेली और उसे कई बड़े लाभ दिये। पश्चिम बंगाल में आगे विधानसभा चुनाव होने हैं और ममता द्वारा कई घोषणाएं चुनावों को ही ध्यान में रख कर की गईं।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर जोर

रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस बात का विशेष रूप से जिक्र किया कि 1950 में रेलवे के पास रूट किलोमीटर 53,596 किमी था, जो पिछले 60 वर्र्षों में बढ़कर मात्र 64,015 किमी ही हो सका है, जिसका वार्षिक औसत मात्र 180 किमी. ही होता है। उन्होंने कहा कि रेलवे के विजन 2020 में अगले 10 वर्र्षों में रेल नेटवर्क में 25000 किमी वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कार्य आसान नहीं है। इसके लिए उन्होंने निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया कि वे सरकार के साथ मिलकर रेल लाइनों का जाल बिछाने और कामकाज संभालने में सहयोग दें। उन्होंने इसके लिए एक नये बिजीनेस मॉडल को अपनाने की बात कही। हालांकि उन्होंने रेलवे के निजीकरण से पूरी तरह से इंकार कर दिया।

यात्री सुविधाओं पर विशेष जोर

रेल मंत्री ने रेल बजट में यात्री सुविधाओं पर विशेष रूप से जोर दिया। इनमें 94 स्टेशनों को आदर्श स्टेशन के रूप में व 10 अन्य स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित करने की घोषणाएं की गईं। 93 अतिरिक्त मल्टी फंक्शनल परिसरों, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित मल्टी लेवल पार्किंग बनाने व सस्ता बोतल बंद पानी उपलब्ध कराने के लिए पीपीपी के माध्यम से ही 6 बॉटलिंग संयंत्रों की स्थापना की घोषणाएं भी बजट में की गईं।

रेल बजट : मुख्य बिंदु

  • एक वर्ष में 1000 किमी. लाइनें बिछाई जायेंगी। 2020 के लक्ष्य में 25,000 किमी. लाइन बिछाने का लक्ष्य। पांच वर्र्षों में पूरे देश को रेल से जोडऩे का लक्ष्य।
  • 117 नई ट्रेनें चलाने का लक्ष्य।
  • खदानों को रेलवे से जोड़ा जाएगा।
  • पंचायतों में रेलवे टिकट काउंटर खोले जाएंगे।
  • रेलवे कैटरिंग सर्विस की समीक्षा की जाएगी।
  • चालकों के लिए जीपीएस आधारित दिशानिर्देशों वाली सेवा की शुरुआत की जाएगी।
  • डेडीकेटेड हाई स्पीड पैसेंजर कॉरीडोर बनेंगे।
  • रेलवे पार्सल के लिए तत्काल स्कीम।
  • रेलवे के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनेगा।
  • महिला वाहिनी के नाम वाली महिला रेलवे सुरक्षा बल कार्मिकों की 12 कंपनियों का गठन किया जाएगा।
  • सभी बिना चौकीदार वाली लेवल क्रासिंग पर पाँच वर्र्षों में चौकीदार तैनात कर दिये जाएंगे।
  • 16 मार्र्गों पर भारत तीर्थ नामक विशेष पर्यटक रेलगाडिय़ाँ।
  • रबीन्द्रनाथ टैगोर के 150वें जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में संस्कृति एक्सप्रेस का परिचालन, जिसे बांग्लादेश भी ले जाया जाएगा।
  • लंबी दूरी की 20 ट्रेनों में ऑटोमेटिक अग्नि एवं धुआँ सूचक प्रणाली लगाई जाएंगी।
  • प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से मल्टी लेवल पार्किंग।

 

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Education Desk

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