Forbes Real-time billionaire: फोर्ब्स रियल-टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) फिर से भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए है.
अंबानी अब ग्लोबल लेवल पर अरबपतियों की टॉप टेन लिस्ट में 9वें स्थान पर आ गए है. उन्होंने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) को पीछे छोड़ दिया है.
फोर्ब्स रियल-टाइम अरबपतियों (Forbes Real-time billionaire) की 2023 की सूची के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी 84.3 बिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर भारतीय बन गए है, जबकि गौतम अडानी अंबानी एक स्थान नीचे दसवें नंबर पर मौजूद हैं.
Mukesh Ambani overtakes Gautam Adani as the richest Indian in the world according to the Forbes Real-time Billionaires list. pic.twitter.com/fczk8MXtSq
— ANI (@ANI) February 1, 2023
अदानी समूह नेट वर्थ में आई भारी गिरावट:
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार, गौतम अडानी 84.4 बिलियन डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ पहले दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे.
फोर्ब्स के रियल टाइम ट्रैकर के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष की संपत्ति में 164 मिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि के साथ अंबानी ने अडानी को पीछे छोड़ दिया, जबकि गौतम अडानी की संपत्ति में 4.62 प्रतिशत की गिरावट आई.
हाल ही में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण अडानी की सम्पति में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. एक समय वह दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर:
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले सप्ताह 106 पेज की एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके बाद से अडानी की सम्पति में भारी गिरावट देखी जा रही है. वर्ष 2022 में गौतम अडानी की संपत्ति में करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था. वह दुनिया के पहले व्यक्ति थे जिनकी संपत्ति में एक साल में इतना इजाफा हुआ था.
क्या है हिंडनबर्ग रिपोर्ट?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें अडानी ग्रुप को लेकर कुछ खुलासे किये गये थे, जिसमें कहा गया था कि ग्रुप ने स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी की है, साथ ही यह भी कहा गया कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर काफी कर्ज है जिससे ग्रुप की वित्तीय स्थिति मुश्किल में पड़ सकती है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया की अडानी ग्रुप के शेयर की वैल्यूएशन काफी अधिक है और फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर इनमें गिरावट आ सकती है.
इस रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयर में भारी गिरावट देखी जा रही है. पिछले पांच दिनों से अडानी की नेट वर्थ में गिरावट दर्ज की जा रही है.
रिपोर्ट पर अडानी समूह का पक्ष:
अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया है, और आरोपों को "निराधार अटकलें" करार दिया है. अडानी ने 413 पन्नों के जवाब में कहा कि भारतीय कानूनों और लेखा मानकों के तहत 'संबंधित पक्षों' के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के साथ हमारे द्वारा किए गए सभी लेनदेन का विधिवत खुलासा किया गया है.
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