सिविल सेवा परीक्षा की शीर्ष नौकरियां

Feb 20, 2017, 19:16 IST

भारतीय सिविल सेवा के तहत प्राप्त समस्त नौकरियों गणना प्रतिष्ठित नौकरियों में की जाती है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है। इसके अंतर्गत आने वाली नौकरियाँ कौन-कौन सी हैं विस्तृत जानकारी इस लेख में है, जरूर पढ़ें।

Best Services in Indiaआईएएस
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारत सरकार की प्रमुख सेवा का गठन 1946 में हुआ था। इससे पहले इंडियन इंपीरियल सर्विस (1893-1946) हुआ करती थी। सिविल सर्विसेज भारत में प्रशासन का हॉलमार्क है। संविधान कहता है कि स्वयं के सिविल सेवाओं के गठन के उनके अधिकार को वंचित किए बिना एक अखिल भारतीय सेवा होगी जिसमें आम योग्यताओं, एक समान वेतनमान के आधार पर अखिल भारतीय आधार पर भर्ती की जाएगी और इसके सदस्यों को संघ के किसी भी स्थान पर इन रणनीतिक पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि स्वंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आईसीएस को देश का इस्पात ढांचा (स्टील फ्रेम) कहा था।  इसलिए, सिविल सेवा हमारे देश की अनिवार्य भावना – विविधता में एकता, का प्रतिनिधित्व करती है।

एसे 10 आईएएस अधिकारी जो बाद में नेता बने

मुख्य अधिकार

आईएएस अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले स्थान में कानून और व्यवस्था के रख–रखाव, राजस्व प्रशासन और आम प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनके अधिकारों में मोटे तौर पर शामिल हैं–

  • राजस्व का संग्रह करना और राजस्व संबंधी मामलों में अदालत के तौर पर काम करना
  • कानून और व्यवस्था बनाए रखना
  • कार्यकारी मजिस्ट्रेट के तौर पर काम करना
  • मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ)/ जिला विकास आयुक्त के तौर पर काम करना
  • राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण
  • वित्तीय औचित्यों के मानदंडों के अनुसार सरकारी पैसे के खर्च का पर्यवेक्षण।
  • नीति निर्माण और फैसला करने की प्रक्रिया में अलग– अलग स्तरों जैसे सचिव, उप सचिव आदि पर आईएएस अधिकारी अपना योगदान देते हैं और नीतियों को अंतिम रूप प्रदान करते हैं।
  • सरकार के दैनिक कामकाज को संभालना जिसमें संबंधित मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के साथ विचार– विमर्श कर नीति बनाना और उसे लागू करना भी शामिल है।

IAS अधिकारी के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी

पदोन्नति के विकल्पः

आईएएस अधिकारी अपने करिअर में वेतन वृद्धि और पदोन्नति का पात्र होता है। प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्टों, सतर्कता मंजूरी और नीचे की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अधिकारी के समग्र रिकॉर्ड की जांच के आधार पर प्रदर्शन के मूल्यांकन के बाद पदोन्नति होती है। पदोन्नति के लिए बनाई गई वरिष्ठ सिविल सेवकों की समीति द्वारा जांच की जाती है। पदोन्नति ग्रेड विशेष में अधिकारी द्वारा बिताए गए समय पर निर्भर होती है। पदोन्नति का पात्र होने के लिए निर्धारित वर्ष तक नौकरी करना अपेक्षित है। ये समय–बद्ध पदोन्नतियां देश में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओँ को आकर्षित करने और उन्हें यहीं बनाए रखने के लिए परिकल्पित की गईं हैं।

ग्रेड

पद

स्केल

जूनियर स्केल

भारत सरकार में सहायक सचिव

 

जूनियर स्केल

सीनियर स्केल

भारत सरकार में अवर सचिव/ जिला मजिस्ट्रेट

 

नौकरी के चार वर्ष पूरे होने के बाद सीनियर टाइम स्केल मिल जाता है।

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

भारत सरकार  में उप सचिव/ जिला मजिस्ट्रेट

नौकरी के 9 वर्ष पूरे होने के बाद जूनियर प्रशासनिक ग्रेड मिलता है

 

सेलेक्शन (चयन) ग्रेड

भारत सरकार में निदेशक/ संभागीय आयुक्त

नौकरी के 13 वर्ष पूरे होने के बाद चयन ग्रेड मिलता है  

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

भारत सरकार में संयुक्त सचिव/ राज्य सरकार में सचिव  

नौकरी के 16 वर्ष पूरे होने के बाद सुपर टाइम स्केल मिलता है

 

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

भारत सरकार में अपर सचिव/ राज्य सरकार में प्रमुख सचिव

नौकरी के 25 वर्ष पूरे करने के बाद उच्च प्रशासनिक ग्रेड मिलती है

 

भारत सरकार में सचिव/ मुख्य सचिव

 

नौकरी के 30 वर्ष पूरे करने के बाद एपेक्स स्केल मिलता है।

 

मंत्रीमंडलीय सचिव/ कैबिनेट सेक्रेटरी

 

 

IAS अधिकारी द्वारा अधिकृत पद

आईपीएस
भारतीय पुलिस सेवा या आईपीएस, भारत सरकार के तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। वर्ष 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिलने के एक वर्ष के बाद भारतीय (इंपेरियल) पुलिस का स्थान भारतीय पुलिस सेवा ने ले लिया था। पहले पुलिस आयोग का गठन 17 अगस्त 1865 को हुआ था, इसमें भारत में पुलिस की वांछित प्रणाली के लिए विस्तार से दिशानिर्देश निहित हैं और पुलिस को इसमें सरकारी विभाग के तौर पर परिभाषित किया गया है जो कानून लागू करती है और अपराध को होने से रोकती और उसकी पड़ताल करती है। भारतीय पुलिस सेवा खुद में एक बल नहीं है बल्कि राज्य की पुलिस और अखिल भारतीय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों के लिए सेवा प्रदान करने वाले नेता और कमांडर्स हैं। इसके सदस्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं।

मुख्य अधिकार

  • सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने, अपराध की रोकथाम, जांच और पहचान, सूचना एकत्र करना, वीआईपी सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, सीमा पुलिस, रेलवे पुलिस आदि के क्षेत्रों में व्यापक जिम्मेदारियों को पूरा करना।
  • रॉ (R&AW), आईबी, सीबीआई, सीआईडी आदि जैसी भारतीय सतर्कता एजेंसियों का नेतृत्व करना और उनकी कमान संभालना।
  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) जैसे सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एनएसजी, आईटीबीपी, बीएसएफ आदि का नेतृत्व करना और उनकी कमान संभालना।
  • मंत्रालयों और केंद्र एवं राज्य सरकारों के विभागों एवं केंद्र और राज्य, भारत सरकार,  दोनों ही में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नीति निर्माण में विभाग प्रमुख के तौर पर सेवाएं देना।
  • अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों और भारतीय सशस्त्र बल खास कर भारतीय थल सेना के साथ बातचीत करना और समन्वय स्थापित करना।
  • अपनी निगरानी में पुलिस बलों में ऐसे मूल्यों और मानकों को विकसित करने का प्रयास करना जिससे उन्हें जनता की और बेहतर तरीक से सेवा करने में मदद मिल सके।

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पदोन्नति के विकल्पः

आईपीएस अधिकारी अपने करिअर में वेतन वृद्धि और पदोन्नतियों के योग्य होते हैं। पदोन्नति वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट, सतर्कता मंजूरी और अधिकारी के समग्र रिकॉर्ड की जांच के बाद होती है।
समय अवधि– पदोन्नति– पद तालिका

ग्रेड

पद

जूनियर स्केल

एएसपी

सीनियर स्केल

एसपी

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

एसपी

सेलेक्शन ग्रेड

डीआईजी

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

आईजी

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

एडीजी

 

डीजी

भारत के 10 सर्वश्रेष्ठ IAS/IPS अधिकारी

आईएफएस

भारतीय विदेश सेवा का मूल ब्रिटिश शासन में मिलता है जब "विदेशी यूरोपीय शक्तियों" के साथ व्यापार करने के लिए विदेश विभाग का गठन किया गया था। वर्ष 1843 में गवर्नर जनरल एलनबर्ग ने प्रशासनिक सुधार किए जिसमें सरकार का सचिवालय चार विभागों– विदेश, गृह, वित्त और सैन्य, में व्यवस्थित किया गया। इनमें से प्रत्येक का प्रमुख सचिव स्तर का अधिकारी होता था। विदेश विभाग के सचिव को " सरकार के सभी बाहरी एवं आंतरिक राजनयिक संबंधों से संबंधित पत्राचार " करने का काम सौंपा गया था।

सितंबर 1946 में भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने भारत के राजनयिक, वाणिज्यदूतावास संबंधी एवं विदेशों में व्यावसायिक प्रतिनिधित्व के लिए भारतीय विदेश सेवा नाम से एक सेवा बनाने का फैसला किया। वर्ष 1947 में ब्रिटिश भारत सरकार में विदेश और राजनीतिक विभाग का सहज परिवर्तन किया गया था जिसमें तत्कालीन विदेश और राष्ट्रमंडल संबंध के नए मंत्रालय बनाए गए थे और 1948 में संघ लोक सेवा आयोग के संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली के तहत नियुक्त किए गए प्रथम बैच ने नौकरी शुरु की थी। प्रवेश की यह प्रणाली आज भी भारतीय विदेश सेवा से जुड़ने की प्रमुख प्रणाली बनी हुई है।

मुख्य अधिकार

विदेश सेवा अधिकारी को भारत के हितों की देख भाल भारत और विदेश, दोनों ही जगहों पर करना   होता है। इसमें द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश प्रोन्नति, सांस्कृतिक बातचीत, प्रेम और मीडिया संपर्क के साथ सभी बहुपक्षीय मुद्दों की मेजबानी करना शामिल है।

भारतीय राजनयिक के मुख्य अधिकारों को इस प्रकार संक्षेप में बताया जा सकता है–

  • भारत का उसके दूतावासों, उच्चायोगों, वाणिज्य दूतावासों और स्थायी मिशनों से लेकर बहुपक्षीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करना,
  • अपने पोस्टिंग के देश में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना,
  • एनआरआई/ पीआईओ समेत रीसीविंग स्टेट के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना
  • जिस देश में नियुक्त किया गया है वहां के विकास पर सटीक रिपोर्ट देना जिनका भारत की नीति निर्माण को प्रभावित करने की संभावना है।
  • नियुक्ति वाले देशों में अधिकारियों के साथ विभिन्न मुद्दों, समझौतों पर बातचीत करना और
  • विदेश में विदेशियों और भारतीय नागरिकों को काउंसेलर सुविधाएं प्रदान करना।

IAS परीक्षा में विफल उम्मीदवारों के लिए 5 वैकल्पिक करियर

समय अवधि– पदोन्नति– पद तालिक

ग्रेड

दूतावास में पद

 मंत्रालय में  पद

जूनियर स्केल

 (सहचारी)/ तीसरा सचिव

अवर सचिव

सीनियर स्केल

दूसरा/ प्रथम सचिव

अवर सचिव

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

प्रथम सचिव

उप सचिव

सेलेक्शन ग्रेड

निदेशक

काउंसलर निदेशक

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

मंत्री/ डीसीएम राजदूत

संयुक्त सचिव

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

राजदूत/ उच्चायुक्त

अतिरिक्त सचिव

 

राजदूत/ उच्चायुक्त

सचिव

आईआरएस (आईटी)

एक आईआरएस अधिकारी ग्रुप ए में आयकर का सहायक आयुक्त के तौर पर नौकरी शुरु करता है। इस स्तर पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होती है। भारत में आईआरएस प्रत्यक्ष करों (मुख्य रूप से आय कर और संपत्ति कर) के संग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह कुल कर राजस्व का प्रमुख हिस्सा होता है। आईआरएस अधिकारी आय कर विभाग (आईटीडी) जिसका प्रतीक चिन्ह है "कोशमूलोधनदाह" के माध्यम से प्रत्यक्ष करों के कानून को प्रशासित करता है। आईआरएस (आईटी) के कैडर का नियंत्रण प्राधिकरण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा होता  है।

मुख्य अधिकार

भारत सरकार में आईआरएस अधिकारी अलग–अलग क्षमताओं और भूमिकाओँ में सेवा प्रदान करते हैं। आईटीडी के माध्यम से प्रत्यक्ष करों को प्रशासित करने के दौरान ये नीतियां बनाते हैं, ऐसी नीतियों को लागू करते हैं और एक जांचकर्ता अर्ध– न्यायिक प्राधिकरण, अभियोजक और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के वार्ताकार आदि के तौर पर काम करते हैं।

उनकी मुख्य भूमिका को इस प्रकार संक्षेप में बताया जा सकता है

  • नीति निर्धारण
  • कर प्रशासक– अन्वेषक, अर्ध–न्यायिक अधिकारी और अभियोजक
  • काले धन से निपटना

IAS बनने के लिए उपयुक्त जीवनशैली

समय अवधि– पदोन्नति– पद तालिक

ग्रेड

पद

जूनियर स्केल

सहायक आयुक्त  

सीनियर स्केल

उप आयुक्त

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

संयुक्त आयुक्त

सेलेक्शन ग्रेड

अतिरिक्त आयुक्त

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

आयुक्त

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

प्रधान आयुक्त

 

मुख्य आयुक्त

 

प्रधान मुख्य आयुक्त

IAS उम्मीदवार से IAS अधिकारी बनने का सफर

आईआरएस (सी एंड सीई )

यह आईआरएस (आईटी) जैसा ही है लेकिन यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की अलग शाखा है। यह सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और नार्कोटिक्स जैसे अप्रत्यक्ष करों को प्रशासित करता है। आईआरएस (सी एंड सीई) का कैडर नियंत्रण प्राधिकरण केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीईसी) है।

मुख्य अधिकारः

आईआरएस (सी एंड सीई) अधिकारी भारत में किसी भी अन्य कर प्राधिकरण के अधिकारियों की तुलना में अपने क्षेत्र में अधिकतम अधिकार रखते हैं। ये सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और नार्कोटिक्स जैसे अप्रत्यक्ष करों से संबंधित मामलों को देखते हैं। ये ड्रग– ट्रैफिकिंग के लिए प्रवर्तन अधिकारी भी होते हैं। कुछ विशेष अधिकार इस प्रकार हैं–

  • आईआरएस अधिकारी, यह विश्वास होने पर कि किसी परिसर में दस्तावेज या जानकारी को छुपा कर रखा गया है, तलाशी वारंट जारी कर सकते हैं।
  • यदि आईआरएस अधिकारियों को यह विश्वास हो गया कि चीजें जब्त की जा सकती हैं वे ऐसी वस्तुओँ और वाहनों को जब्त करने के आदेश दे सकते हैं।
  • जांच करने का अधिकार।
  • निर्णय लेने का अधिकार।
  • सीमा क्षेत्रों में भारतीय कानून लागू करने का अधिकार।

नौकरी के साथ IAS Exam की तैयारी कैसे करें ?

समय अवधि– पदोन्नति– पद तालिक

ग्रेड

पद

जूनियर स्केल

सहायक आयुक्त  

सीनियर स्केल

उप आयुक्त

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

संयुक्त आयुक्त

सेलेक्शन ग्रेड

अतिरिक्त आयुक्त

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

आयुक्त

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

प्रधान आयुक्त

 

मुख्य आयुक्त

 

प्रधान मुख्य आयुक्त

आईआरटीएस

भारतीय रेल यातायात सेवा (आईआरटीएस) रेल मंत्रालय के ग्रुप 'ए' के आठ नौकरियों में से एक है। इससे पहले यह ऑफिसर्स ऑफ द सुपीरियर रेवेन्यू इस्टैबलिश्मेंट ऑफ द ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट एंड कमर्शियल  डिपार्टमेंट ऑफ इंडियन रेलवे कहलाता था, आईआरटीएस अपने वर्तमान स्वरूप में 1967 में पुनः–संगठित किया गया था। आईआरटीएस अधिकारी मध्यम और वरिष्ठ – स्तर के प्रबंधन में होते हैं। इन्हें व्यावसायिक प्रबंधन, परिचालन प्रबंधन, रसद, पब्लिक– प्राइवेट पार्टनशिप आदि समेत

अलग– अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। यातायात विभाग की दो मुख्य धाराएं हैं– परिचालन और व्यावसायिक, जहां इन अधिकारियों की नियुक्ति होती है।

मुख्य अधिकारः

  • एक आईआरटीएस अधिकारी उत्पादन और परिवहन उत्पादन बिक्री के बीच समन्वय स्थापित करता है एवं रेलवे के ग्राहक इंटरफेस का प्रबंधन करता है।
  • माल ढुलाई और यात्रियों के बाधा रहित और तेज परिवहन को सुनिश्चित करता है।
  • आईआरटीएस अधिकारी बिक्री, मूल्य निर्धारण, विपणन और यात्री व्यापार एवं माल ढुलाई व्यापार के सेवा तत्वों से संबंधित होता है।
  • एक आईआरटीएस अधिकारी के पास अन्य मंत्रालयों और पीएसयू में केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत काम करने का भी अवसर होता है।  

IAS की तैयारी के दौरान विवेकानंद से सीख सकते हैं ज्ञान की यह बातें

समय अवधि– पदोन्नति– पद तालिका

ग्रेड

पद

जूनियर स्केल

एओएम/ एसीएम  

सीनियर स्केल

डीओएम/ डीसीएम

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

सी। डीओएम/ सी। डीसीएम/ उप सीओएम/ उप सीसीएम

सेलेक्शन ग्रेड

सीपीटीएम/ सीएफटीएम

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

सीओएम/ ईडी/ डीआरएम

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

एएमटी/ जीएम

 

एमटी

 

सीआरबी

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सेवाओं की वेतन संरचना

ग्रेड

वेतन

जूनियर स्केल

56100

सीनियर स्केल

67700

जूनियर प्रशासनिक ग्रेड

78800

सेलेक्शन ग्रेड

118500-131100

सीनियर प्रशासनिक ग्रेड

182200

उच्च प्रशासनिक ग्रेड

205400

एचएजी+

225000

कैबिनेट सचिव की रैंक

250000

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Jagran Josh
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