नियंत्रण और संतुलन हमेशा से अधिकार/सत्ता के हिस्सा और पार्सल रहे हैं। आईएएस अधिकारी के मामले में, ये पावर चेक्स अलग– अलग विभागों, निकायों और कंपनियों में पोस्टिंग एवं ट्रांसफर के माध्यम से किया जाता है। आमतौर पर इसे यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि राजनीतिक संस्थानों की सत्ता कुछ खास लोगों या समूहों के हाथों में ही न रह जाए।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) नियम 'कैडर पोस्ट' शब्द को, भारतीय प्रशासनिक सेवा ( कैडर निर्धारण)विनियम, 1955 की अनुसूची में प्रत्येक कैडर के आईटम I में निर्धारित किन्हीं भी पदों के रूप में परिभाषित करता है।
कैडर अधिकारियों का ट्रांसफर
नियम कहता है कि कैडर अधिकारियों का विभिन्न कैडरों में आवंटन केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार या संबंधित राज्य सरकार के परामर्श के किया जाएगा।
केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकारों की सहमति से, एक कैड़र के अधिकारी का ट्रांसफर दूसरे कैडर में कर सकती है। हालांकि, हाल के प्रथा के अनुसार, यह नियम सिर्फ अखिल भारतीय सेवा(ओं) के अधिकारियों के बीच होने वाले विवाहों में लागू किया गया है।
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ऐसे मामले हैं जहां ऐसे विवाह हुए हैं, एक अधिकारी को उसके या उसकी जीवनसाथी के कैडर में ट्रांसफर किया गया है। ऐसे भी मामले हैं जहां पति औऱ पत्नि दोनों ही को किसी तीसरे कैडर में एक साथ भेज दिया गया हो। अंतर्रराज्यीय कैडर ट्रांसफर के कुछ नियम इस प्रकार हैं:
- अंतरराज्यीय ट्रांसफर करने की अनुमति अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के सदस्यों के अखिल भारतीय सेवा के अन्य सदस्य के साथ विवाह करने पर दी जाएगी, जहां अधिकारी या संबंधित अधिकारियों ने बदलने की मांग की है।
- अंतरराज्यीय कैडर ट्रांसफर करने की अनुमति असाधारण मामलों में चरम कठिनाई के आधार पर भी दी जा सकती है।
- अंतर–कैडर ट्रांसफर अधिकारी के गृह राज्य में किए जाने की अनुमति नहीं होगी।
- विवाह के आधार पर अंतर–कैडर ट्रांसफर के मामले में, प्रथम अनुरोध में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि एक अधिकारी का कैडर उसके या उसकी जीवनसाथी के कैडर को स्वीकार करता है।
- सिर्फ उन्हीं मामलों में जहां दोनों ही राज्य दूसरे जीवनसाथी को स्वीकार करने से इनकार कर दें, वहां भारत सरकार द्वारा उन अधिकारियों का ट्रांसफर किसी तीसरे कैडर में किए जाने विचार किया जाएगा, यह ऐसे ट्रांसफर के लिए संबंधित कैडर की सहमति के विषयाधीन होगा।
- अखिल भारतीय सेवा अधिकारी के केंद्रीय सेवा/ राजकीय सेवा/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/ किसी अन्य संगठन में नौकरी कर रहे अधिकारी से होने पर उनके अंतर– कैडर ट्रांसफर की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- ‘अत्यधिक कठिन परिस्थिति– इक्सट्रीम हार्डशिप’ अंतर– कैडर ट्रांसफर के उद्देश्यों के लिए, आवंटित राज्य के जलवायु या वातावरण के कारण अधिकारी या उसके परिवार के जीवन पर खतरा और अधिकारी या उसके परिवार को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के खतरे को शामिल करने के लिए परिभाषित करना चाहिए।
- खतरा या स्वास्थ्य के आधार पर अनुरोध के मामलों में, स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी या कम– से– कम दो स्वतंत्र विशेषज्ञों के समूह के आकलन पर अंतिम फैसला करने का अधिकार केंद्र सरकार को होगा।
- यदि खतरे या स्वास्थ्य के आधार पर किया गया अनुरोध सही पाया जाता है तो केंद्र सरकार उस अधिकारी को उसके पसंद के राज्य में तीन वर्षों की प्रतिनियुक्ति पर भेज सकती है। तीन वर्ष की अवधि के बाद स्थिति का फिर से आकलन किया जा सकता है और यदि स्थिति अभी भी चिंताजनक हो तो केंद्र सरकार अधिकारी का ट्रांसफर उस राज्य में स्थायी रूप से कर सकती है।
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कैडर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
कैडर अधिकारी को केंद्र सरकार या दूसरे राज्य की सरकार या किसी कंपनी, संगठन या निजी निकाय, जो पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण में हो, सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
उपरोक्त प्रतिनियुक्ति उन शर्तों के विषयाधीन है जिसमें कंपनी और कैडर अधिकारी के बीच किसी भी प्रकार की असहमति का मामले का फैसला केंद्र सरकार और राज्य सरकार या संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा।
प्रतिनियुक्ति का एक प्रावधान यह है कि कैडर अधिकारी किसी कंपनी, संगठन या निजी निकाय में, जो शामिल है या नहीं, जो पूरी तरह से या आंशिक रूप से राज्य सरकार, एक नगर निगम या एक स्थानीय निकाय के स्वामित्व या नियंत्रण के अधीन है, जिस कैडर में वह है, के राज्य सरकार द्वारा, सेवा देने के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
और वह किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन, किसी स्वायत्त निकाय, जो सरकार द्वारा नियंत्रित न हो, या एक निजी निकाय, राज्य सरकार के साथ विचार– विमर्श में केंद्र सरकार द्वारा जिस कैडर में उसका चयन हुआ हो, में सेवा देने के लिए भी प्रतिनियुक्त किया जा सकता है लेकिन यह प्रावधान भी है कि किसी कैडर अधिकारी को किसी भी संगठन या निकाय में आईटम (ii) में दिए गए प्रकार में बिना उसकी सहमति के प्रतिनियुक्त नहीं किया जा सकता।
उपरोक्त प्रतिनियुक्ति इन शर्तों के अधीन है कि कोई भी कैडर अधिकारी को एक पद के अलावा किसी अन्य पद पर प्रतिनियुक्त नहीं किया जाएगा जिसका निर्धारित वेतन कम है, या वेतनामान, का अधिकतम पहले की अपेक्षा कम है, मूल वेतन के जो वह कैडर पद पर प्राप्त कर रहा था, से।
कैडर अधिकारियों की पोस्टिंग
राज्य कैडर के मामले में कैडर पदों पर सभी नियुक्तियां राज्य सरकार द्वारा की जाएगी और संयुक्त कैडर के मामले में संबंधित राज्य सरकार द्वारा।
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या राज्य सरकारों के साथ परामर्श में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर निर्धारण) विनियम,1955 की अनुसूची के आईटम 1 में दिए गए संबंधित राज्य के लिए निर्धारत सभी या निर्धारित किसी भी कैडर पदों का निर्धारण कर सकती है।
कैडर अधिकारी पदोन्नति, सेवानिवृत्ति, राज्य के बाहर प्रतिनियुक्ति या दो माह से अधिक के प्रशिक्षण के मामलों को छोड़कर निर्धारित न्यूनतम कार्यकाल तक अपने कार्यालय में बना रह सकता है।
कैडर अधिकारी को न्यूनतम निर्धारित कार्यकाल से पहले, इन नियमों को शामिल करने वाले अनुसूचि में निर्दिष्ट न्यूनतम कार्यकाल समिति की सिफारिश पर ही ट्रांसफर किया जा सकता है।
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कैडर नियमों के तहत कुछ असाधारण स्थितियां:
- राज्य सरकार एक कैडर अधिकारी को उसके पूर्व – कैडर पद पर तब तक बनाए रख सकता जब तक केंद्र सरकार का अनुमोदन प्रभावी हो और कथित पूर्व–कैडर पद कथित अनुसूचि के आईटम 5 में निर्धारित संख्या में एक अतिरिक्त होना समझा जाएगा।
- संबंधित राज्य सरकार, राज्य कैडर या संयुक्त कैडर में प्राप्त पद के संदर्भ में, जैसा मामला हो, शायद, छुट्टी जो छह माह से अधिक की न हो, की व्यवस्था करने के उद्देश्य से, एक अकेले कैडर अधिकारी द्वारा एक ही समय में कोई भी दो कैडर पद या एक कैडर पद और उसके समकक्ष पद पर बने रहने का निर्देश दे सकता है।
- एक राज्य में एक कैडर पद किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं भरा जाना चाहिए जो कैडर अधिकारी न हो सिवाए इसके कि उस पद को भरने के लिए कोई उपयुक्त कैडर अधिकारी उपलब्ध न हो या वह पद तीन माह से अधिक समय से खाली पड़ा हो।
- इसके अलावा, राज्य सरकार को ऐसा व्यक्ति जो कैडर अधिकारी नहीं है, को तीन माह से अधिक अवधि के लिए उसके पद पर बनाए रखने हेतु केंद्र सरकार से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
- केंद्र सरकार के अनुमोदन के बिना कैडर पद को छह माह से अधिक अवधि के लिए खाली या निलंबन अवस्था में नहीं रखा जाएगा।
- इस उद्देश्य के लिए, राज्य सरकार निम्नलिखित मामलों के संदर्भ में केंद्र सरकार के लिए रिपोर्ट तैयार करेगीः– प्रस्ताव का कारण, अवधि जिसके लिए राज्य सरकार पद को खाली रखने या पद को निलंबित रखने का प्रस्ताव दे रही है, प्रावधान,यदि कोई हो तो, पद के मौजूदा अधिकारी के लिए किया और क्या इसे पद को खाली रखने या निलंबित रखने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था की गई है, और यदि हां, ऐसी व्यवस्था का ब्यौरा।
निष्कर्ष:
ट्रांसफर, प्रतिनियुक्तियां और पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया एक मात्र उद्देश्य ईमानदारी और काम के वितरण के मामले में सर्वश्रेष्ठ संभावित आईएएस अधिकारियों को हासिल करना है जहां वे खुद को सर्वश्रेष्ठ सेवा देते हुए पा सकें।
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अतीत में, आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए राजनीतिक सिफारिशें अधिकारियों के बीच संरक्षण देने के लिए सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों का शक्तिशाली हथियार थीं। लेकिन नई सुधार प्रणाली से, अधिकारियों का कार्य क्षेत्र राजनीतिक सरकार से अलग तरीके से निर्दिष्ट किया गया है और लोगों को वास्तव में लगता है कि नौकरशाह किसी और के लिए काम नहीं कर रहे।