आईएएस में सफलता हेतु याद्दाश्त बढ़ाने के शीर्ष 10 तरीके

Oct 18, 2016, 10:12 IST

यदि आपने आईएएस की परीक्षा के जरिए देश के चुनींदा नौकरियों में से एक को हासिल करने का फैसला कर लिया है तो आप बेहद साहसी हैं। सिर्फ कमर कस लेने और आईएएस की परीक्षा के लिए अपनी तैयारियां शुरु कर देने मात्र से आपकी सफलता सुनिश्चित नहीं हो जाती।

Increase memory

यदि आपने आईएएस की परीक्षा के जरिए देश के चुनींदा नौकरियों में से एक को हासिल करने का फैसला कर लिया है तो आप बेहद साहसी हैं। सिर्फ कमर कस लेने और आईएएस की परीक्षा के लिए अपनी तैयारियां शुरु कर देने मात्र से आपकी सफलता सुनिश्चित नहीं हो जाती। व्यापक और हर बार बढ़ते पाठ्यक्रम (जिसमें लगभग हर एक चीज शामिल हो जाती है) को पढ़ना और पाठ्यक्रम में दिए गए सभी विषयों के मुख्य बिन्दुओं को याद रखना मुश्किल काम हो सकता है। यहां तक कि बीते कुछ वर्षों से आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे अनुभवी उम्मीदवारों को भी मुश्किलें होती हैं। आईएएस परीक्षा में सफल होने का एक मात्र तरीका अपनी याद्दाश्त  को बढ़ाना और अपने दिमाग की अवधारणा शक्ति में सुधार लाना हो सकता है।

नीचे हम आपको कुछ मूल टिप्स, तरीके और तकनीक बता रहे हैं जो आईएएस परीक्षा में सफल होने के लिए आपकी याद्दाश्त को बढ़ाएगा।

Read this Article in English

देख कर सीखें

अध्ययन के अनुसार मानव मस्तिष्क पाठ रूप में लिखे गए तथ्यों के मुकाबले ग्राफ या दृश्य रूप में दी गई जानकारी और आंकड़ों की तरफ अधिक आकर्षित होता है। सरल शब्दों में कहें तो बतौर एक आईएएस उम्मीदवार आप आंतरिक दहन इंजन की कार्यप्रणाली को पैराग्राफ में दिए गए वर्णन के मुकाबले उसके डायग्राम को अधिक याद रख पाएंगे। इसी प्रकार भारत में मुगल शासन काल पर वृत्तचित्र देखना 500 पन्नों की किताब को पढ़ने से अधिक लाभकारी होगा। इसलिए आईएएस परीक्षा के लिए व्यापक विषयगत और सामान्य पाठ्क्रम को कवर करने के लिए उम्मीदवारों को सादे लिखित नोट्स की तुलना में ग्राफ, चार्ट और ऑडियो– वीजुअल (श्रव्य– दृष्य) पठन सामग्री पर अधिक निर्भर करना चाहिए। आज के सामाजिक मीडिया युग में आईएएस की तैयारी करने वालों के लिए ऑडियो– वीजुअल  और ग्राफ संबंधित संसाधन बहुतायत में उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल निश्चित रूप से आपकी याद्दाश्त  में काफी सुधार ला सकता है।

नियमित रूप से करें पुनरावृत्ति (रिवाइज)

इसके बारे में बात किए बिना नहीं रहा जा सकता। किसी भी विषय को सीखने और काफी समय तक याद रखना चाहते हैं तो पुनरावृत्ति सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि कई उम्मीदावर ऐसा करते हैं और अपने दैनिक दिनचर्या में इसका पालन करते हैं, लेकिन कई इसे उतनी गंभीरता से नहीं लेते। दुविधा में रहने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए ‘पुनरावृत्ति से आपकी याद्दाश्त में तेजी से सुधार होता है’ तथ्य के वैज्ञानिक सबूत हैं। 'कुछ समयांतराल पर पुनरावृत्ति द्वारा सीखने (Learning by Spaced Repetition)' के सिद्धांत के अनुसार– औसत मनुष्य यदि उचित तरीके से पुनरावृत्ति नहीं करता तो वह अपनी सीखी गई बातों का करीब 90% भूल जाता है।
इसलिए जब बात सभी प्रवेश परीक्षाओं में से सबसे कठिन परीक्षा में पास होने की आती है तो आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए सुनियोजित पुनरावृत्ति सारणी बनाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। पुनरावृत्ति के लिए आदर्श समय– सारणी हो सकती है– साप्ताहिक/ पाक्षिक/ मासिक/ द्वि–मासिक। कुछ दिनों के लिए इसे अपना कर देखें और अपनी याद्दाश्त  के अनुसार समय अवधि निर्धारित करें। इसके अलावा अलग– अलग पुनरावृत्ति रणनीतियां होती हैं जिन्हें आप अपनी जरूरतों के अनुसार अपना सकते हैं।

उचित बहस

जब बात याद्दाश्त  में सुधार करने की होती है तो यह एक ऐसी तकनीक है जिसके बारे में ज्यादातर आईएएस उम्मीदवारों को पता नहीं होता। आईएएस के पाठ्यक्रम के व्यापक और हमेशा बढ़ते पाठ्यक्रम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए ऐसे कई विषय हो सकते हैं जो अलग– अलग उम्मीदवारों को अलग– अलग विचारों में बांट सकते हैं। इन सभी अलग– अलग बिन्दुओं और विषय विशेष पर अलग– अलग विचारों को कवर करने का सबसे सरल तरीका होगा अपने अध्ययन समूह में उस पर बहस करना। अपनी याद्दाश्त  में सुधार के लिए बहस का उपयोग करना दो स्तरों पर काम करता है। प्राथमिक स्तर पर, आप विषय या अवधारणा विशेष को अपने विचार के दृष्टिकोण से विस्तार में पढ़ते हैं। दूसरा, बहस के दौरान आप अन्य दृष्टिकोण से भी वाकिफ होते हैं, जो न सिर्फ आपको और अधिक जानकारी हासिल करने में मदद करेगा बल्कि आपने जो पहले तथ्य, आंकड़े और डेटा को पढ़ा है, उसकी पुष्टि भी करेगा।

IAS बनने के लिए उपयुक्त जीवनशैली

दूसरों को सिखाना

आईएएस परीक्षा की बात आने पर याद्दाश्त में सुधार के लिए एक और बेहद कम इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है – दूसरों को सिखाना। बहस के जैसे ही यदि आप अपने अध्ययन समूह में दूसरों को खास विषय पढ़ाते/ सिखाते हैं, तो आप अपनी जानकारी को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेंगे और मजबूत तर्क तैयार करेंगे। इसके अलावा दूसरों को सिखाने के दौरान आपने जो जानकारी दूसरों के साथ साझा की है वही आपके दिमाग में फिर से आएगी। दूसरों को सीखाने का एक और लाभ है, दूसरों के सामने जब जानकारी प्रस्तुत करने की बात आएगी तब यह आपमें आत्मविश्वास पैदा करने में मदद करेगा। साक्षात्कार और समूह चर्चा राउंड्स की तैयारी के लिए दूसरों को सिखाना/ पढ़ाना बहुत लाभदायक होगा।

स्मृति – विज्ञान (नीमानिक्स– Mnemonics ) का प्रयोग

यूँ तो स्मृति– विज्ञान बेहत डरावना शब्द लगता है लेकिन हम सभी अपनी याद्दाश्त में सुधार करने के लिए बचपन से ही इसका उपयोग करते आ रहे हैं। आपको VIBGYOR याद है, यह एक प्रकार की स्मृति– विज्ञान तकनीक है जो हमें इंद्रधनुष के सभी रंगों को याद करने में मदद करता है। इसी प्रकार, आप अपनी याद्दाश्त  में सुधार लाने के लिए संक्षेप, संक्षेपाक्षरों और अन्य तकनीकों को बना सकते हैं। इसके अलावा आईएएस की परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए स्मृति– विज्ञान की कई तकनीकें उपलब्ध हैं। गूगल में इनके बारे में सर्च करिए और आपको इनके बारे में जानकर अच्छा लगेगा। उम्मीदवारों को खुद– से बनाए नीमॉनिक्स से ज्यादा याद होने की संभावना है, इसलिए खुद से बनाने की भी कोशिश करें।

मन में नक्शे या सह–संबंध बनाएं

अपनी याद्दाश्त में सुधार लाने का एक और प्रभावशाली तरीका अलग– अलग तथ्यों, आंकड़ों और जानकारियों के बीच अपने मन में नक्शे या सह–संबंध बनाना होगा। जैसे, भारत में 1975 से 1977 की आपतकाल अवधि के बारे में जब पढ़ाने बैठें तो देश में लागू की गई चौथी और पांचवीं पंचवर्षीय योजनाओं के विवरणों को भी पढ़ें। इसके अलावा राजनीतिक कारणों पर गौर करने से आपको भारत में आपतकाल लगाने के कुछ आर्थिक कारण भी पता चल जाएंगे। आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाला उम्मीदवार भारत में रेलवे के विकास के बारे में मन में नक्शा तैयार कर सकता है और देश के सकल घरेलू उत्पाद के समग्र विकास के साथ उसका संबंध स्थापित कर सकता है।

IAS अधिकारी का वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं

मल्टिटास्किंग से बचें

आईएएस की परीक्षा की तैयारी करने के दौरान सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है ध्यान भटकाव से बचना। जब आप अपनी याद्दाश्त  को बढ़ाना चाहते हों और अध्ययन से प्राप्त जानकारी को याद रखना चाहते हों तो यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए, आईएएस परीक्षा की तैयारी के संदर्भ में अपनी याद्दाश्त  में सुधार लाने का बहुत आसान तरीका है कि आप एक बार में कई– काम करने से बचें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। इसमें ह्वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे किसी भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बचना। इसमें उन दोस्तों/ सहपाठियों से न मिलना भी शामिल है जो आपके पढ़ने की दिनचर्या में रुकावट बनते हों।

खुद से प्रश्न– उत्तर करना

अपनी याद्दाश्त को सुधारने का एक और आसान तरीका हो सकता है– खुद से सवाल– जवाब करना। इसके लिए आपको विषयों, अध्याय या अवधारणा, जिन्हें आप इस सत्र में पढ़ने की योजना बना रहे हैं, पर विस्तृत प्रश्नोत्तरी तैयार करना चाहिए। इसके बाद आप प्रश्न के आधार पर विषय की तैयारी करें जैसा कि आप सामान्य रूप से करते हैं। तैयारी कर लेने के बाद, थोड़ा अवकाश लें और फिर आपने जो तैयारी की है उसकी मदद से खुद से सवाल– जवाब करें। जहां तक आपकी याद्दाश्त  में सुधार का सवाल है, यह आपको आपकी याद्दाश्त  की सही तस्वीर दिखाएगा और साथ ही आपको आपकी खूबियां और खामियां भी बताएगा जिसे सुधारने के लिए आप बाद में मेहनत कर सकते हैं।
पढ़ाई के दौरान अल्पावधि सत्र और थोड़े– थोड़े समय पर ब्रेक लेना
एक अध्ययन के अनुसार मनुष्य का मस्तिष्क करीब 1 से 1.5 घंटे तक के लिए ही सबसे अधिक एकाग्रता शक्ति के साथ काम करता है। इसलिए इस समयसीमा को ध्यान में रखते हुए अपने अध्ययन सत्र की योजना बनाना लाभदायक रहेगा। 1 से 1.5 घंटे से अधिक लगातार पढ़ना पूरी तरह से बेकार हो जाएगा और आपको इससे लाभ नहीं होगा। इसलिए छोटे– छोटे ब्रेक के साथ अल्पावधि अध्ययन सत्रों की योजना तैयार करें। ब्रेक के दौरान आपने जो पढ़ा है उसे मन में दुहराने की कोशिश कर सकते हैं और पता लगा सकते हैं कि आपको कितनी पढ़ाई याद रही। ब्रेक के बाद उसी विषय पर आएं और जो चीजें आपसे छूट गईं थीं उन्हें देखें और उन्हें फिर से दुहराएं। यह आपको आपके द्वारा छूट गए हिस्सों को ही नहीं बल्कि पूरे पाठ को दुहराने में मदद करेगा।

IAS प्रारंभिक परीक्षा 2016– संभावित कट–ऑफ अंक

खान पान का ध्यान रखें और अच्छी नींद लें

अंत में अपने शरीर के अन्य हिस्सों के जैसे ही, आपका मस्तिष्क भी थकता है। आप इसका जितना ही अधिक इस्तेमाल करते हैं, उसे वापस अपनी शक्ति प्राप्त करने में उतने ही आराम की जरूरत होती है। इसलिए पूर्ण अध्ययन सत्र के बाद अपने मस्तिष्क को पर्याप्त आराम देना न भूलें। ऐसा आप व्यायाम कर या टहलने जा कर या कुछ समय के लिए अपना पसंदीदा टीवी शो देख कर भी कर सकते हैं। आईएएस उम्मीदवार अक्सर पूरी– रात जागने के आदि हो जाते हैं जो न सिर्फ आपके शरीर– चक्र को बल्कि आपके मस्तिष्क के काम करने की क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए अच्छे अंकों के साथ आईएएस की परीक्षा पास करने की कोशिश में लगे किसी भी उम्मीदवार को न्यूनतम 8- घंटे जरूर सोना चाहिए।

जाने IAS के बारे में अन्य रोचक तथ्य 

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News