संघ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2011 की सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का आयोजन देश के विभिन्न केन्द्रों पर 29 अक्टूबर 2011 से 26 नवम्बर 2011 के मध्य किया. यहां पर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2011 के समाजशास्त्र का द्वितीय प्रश्न-पत्र दिया गया है. इच्छुक अभ्यर्थी इसे पढ़कर अपनी तैयारी की रणनीति बना सकते हैं.
समाजशास्त्र
प्रश्न-पत्र-II
समय : तीन घण्टे पूर्णाक : 300
अनुदेश
प्रत्येक प्रश्न हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में छपा है. प्रश्नों के उत्तर उसी माध्यम में लिखे जाने चाहिए जिसका उल्लेख आपके प्रवेश–पत्र में किया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख उत्तर-पुस्तक के मुख–पृष्ठ पर अंकित निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए. प्रवेश-पत्र पर उल्लिखित माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेगे.
प्रश्न संख्या 1 और 5 अनीवार्य है. बाकी प्रश्नों में से प्रत्येक खण्ड से कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए .
सभी प्रश्नों के अंक समान है.
खण्ड –क
1. निम्नलिखित प्रत्येक पर, समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिये, जो प्रत्येक 150 शब्दों से अधिक की न हो : 4×15=60
(क) एम.एन. श्रीनिवास तथा आन्द्रे बेतेई द्वारा जाति-अध्ययन के परिप्रेक्ष्य.
(ख) परिवार एवं गृहस्थी की अवधारणाओं में अंतर .
(ग) भारत में जनजातियों में एकता और विविधता.
(घ) भारतीय समाजशात्र में ग्रन्थ दृष्टि तथा क्षेत्र दृष्टि.
2. (क) डेविस तथा ब्लेक के मतानुसार प्रजननशीलता तथा सामाजिक सरंचना का संबंध स्पष्ट कीजिये. 30
(ख) “ संरक्षात्मक भेदभाव न केवल सरंक्षा करता है, बल्कि भेदभाव भी करता है.” टिपण्णी कीजिये. 30
3. (क) ‘ धर्म-निरपेक्षता’ और ‘लोंकिकीकरण’ में अंतर कीजिए. समकालीन भारत में लोकिकीकरण की प्रकृति और सीमाओं का विश्लेषण कीजिये. 30
(ख) दलित समुदाय की बदलती हुई चेतना और आत्म-प्रतिष्ठा के प्रतिबिम्व के रूप में ‘दलित’ शब्द और सबंधित अवधारणा के विकास का विश्लेषण कीजिये. 30
4. (क) नृजातीयता और रास्ट्रवाद के मुद्दे किस प्रकार संबंधित है? भारत में नृजातीय राष्ट्रवाद के प्रदुभार्व के संदर्भ में विवेचना कीजिये. 30
(ख) वैश्विकरण तथा अनोपचारिक क्षेत्र की वृद्धि में संपर्क बिन्दु क्या है? इन्होने श्रमिक वर्ग की प्रकृति और प्रकार्यात्मकता को किस प्रकार प्रभावित किया है. 30
खण्ड –ख
5. निम्नलिखित प्रत्येक पर टिप्पणी लिखिये, जो प्रत्येक 150 शब्दों से अधिक की न हो . आपको उत्तर समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में हो. 4×15=60
(क) भारत में महिला आन्दोलन के चरण.
(ख) ग्रामीण वर्ग –सरंचना पर हरित क्रांति का प्रभाव.
(ग) विकास के मापन हेतु शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक सवेंदनशील अनुक्रमणिका है – टिप्पणी कीजीये.
(घ) महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के पीछे सरंचनात्मक कारक.
6. (क) भारत में कृषक आंदोलनों पर डी.एन .धनगरे के विचारों का समालोचनात्मक परीक्षण किजीये. 20
(ख) भारत के संदर्भ में जनसंख्या , पारिस्थितिकी तथा पर्यावरण के पारस्परिक सबंध की ब्याख्या कीजिये. 20
(ग) “ जातिवाद जाति ब्यवस्था का आधुनिक संस्करण है. ” क्या आप इस कथन से सहमत है ? तर्क सहित विवेचना कीजिये. 20
7. (क) ग्रामीण भारत में मध्यस्तरीय कृणक वर्ग के समेकन और वृद्धि हेतु उत्तरदायी कारकों पर टिपण्णी कीजिये. यह भारतीय कृषि में पूंजीवाद से किस प्रकार सबंधित है ? 30
(ख) “ भारत में सामाजिक परिवर्तन के अध्ययन के लिए
8. (क) तीव्र नगरीकरण तथा धारणीय विकास एक साथ नहीं चल सकते है. तर्क सहित विवेचना कीजिये. 20
(ख) जाति और जनजाति के सबंध का विष्लेषण कीजिये. 20
(ग) मृत्यु दर एवं सामाजिक वर्ग में संबंध को स्पष्ट कीजिये. 20
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