स्टेनोग्राफर की नौकरी चाहिए तो जानें कितना जरूरी है सही डिक्टेशन

इस लेख में प्रतियोगियों के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहें हैं जिनका पालन करने पर 6 से 7 माह के भीतर ही 60 से 100 तक की शोर्ट हैण्ड स्पीड प्राप्त की जा सकती है.

Sep 19, 2018, 11:01 IST

बहुत से प्रतियोगी प्रतिवर्ष स्टेनोग्राफर बनने के लिए आवेदन करते हैं, और चयनित होने के लिए पूरी तैयारी में जुट जाते हैं. अच्छी तैयारी होने के बावजूद भी सभी का चयन मुमकिन नहीं हो पाता है. परीक्षार्थियों द्वारा बेहद मेहनत करने के बाद भी चयनित न होने पर, वह समझ नहीं पाते कि आखिर गलती क्या हुई और समस्या कहां है? ऐसा होता है शॉर्टहैंड-स्पीड की कमी से, क्योंकि बहुत प्रैक्टिस के बाद भी स्पीड नहीं बढ़ती है और गलतियां भी कम नहीं होती हैं. इसी समस्या को देखते हुए इच्छुक और तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए प्रस्तुत है स्पीड बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स. इस लेख में प्रतियोगियों के लिए कुछ सुझाव देंगें जिनका पालन करने पर 6 से 7 माह के भीतर ही 60 से 100 तक की स्पीड प्राप्त की जा सकती है.

शॉर्टहैंड:
-कॉमन एरर
-डिफिकल्ट वर्ड्स
-फोरन वर्ड्स
-कंफ्यूजिंग वर्ड्स
-कंफ्यूजिंग आउटलाइन्स

महत्वपूर्ण्र नियम:
जरूरत से ज्यादा शॉर्टकट न तो बनाएं और न ही ढूंढें. ऐसा करने से आपका ध्यान भटकेगा और आपको इन्हें याद करने में परेशानी आ सकती है, ऐसे में यह डिक्टेशन पास करने में चूक का कारण हो सकते हैं.

-डिक्टेशन की तैयारी के लिए मौजूद किताबों में से (जो भी आपको बेहतर लगे) किसी एक का चुनें या किसी टीचर की मदद लें और  केवल उसी के अनुसार चलें और उसी की सुनें.

-कोई भी आउटलाइन पूरी बनाएं, उसे बीच में न छोड़ें, यदि किसी आउटलाइन को बनाने में परेशानी आ रही है तो उसे बदलना ही बेहतर है, ज्यादा ज्वाइनिंग ना करें. ज्वाइनिंग भी वहीं करें जहां जरूरत हो.

-वॉवल्स (vowel) का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें, विशेषकर ऐसे वॉवेल्स जो जरुरी हैं उन्हें लगाना न भूलें. एक जैसी लाइनों में अंतर दिखने के लिए वॉवेल्स का प्रयोग बेहद जरूरी है.

-प्रैक्टिस करते रहें, क्योंकि अंत में प्रतिययोगी द्वारा बार-बार किया गया अभ्यास ही उसे सफलता दिला सकता है. डिक्टेशन से प्रतियोगी की आउटलाइन खराब होती है, ऐसे में बहुत धैर्य से आउटलाइन को लिखें, जरूरी वॉवेल्स का प्रयोग करें.

-कोई एक रजिस्टर तैयार करें, उसमें एक लाइन  लिखकर 5 लाइन प्रैक्टिस के लिए छोड़ दें. इसमें कांट्रेक्शन, फ्रेज और ज्वाइनिंग सभी का हर रोज अभ्यास करें.

-जल्द बाजी में न रहें. किसी भी तरह की तैयारी के शुरूआत में प्रतियोगी को चाहिए कि विषय को गहराई से समझें, ऐसे भी जितना धैर्य के साथ तैयारी की जाएगी उतना ही कांफीडेंस लेवल बढ़ेगा इसलिए डिक्टेशनन नॉर्मल स्पीड से कम रखिए, जिस स्पीड पर आप 100 फीसदी लिख सकें.

-सबसे महत्वपूर्ण बात, एक रिफरेंस रिजस्टर तैयार करें. यह आपका दूसरा स्टेप होगा, क्योंकि बेसिक से आगे बढ़े हैं तो सेल्फ एवेल्यूशन के लिए इसकी जरूरत पड़ेगी. आपकी अंग्रेजी कमजोर है या अच्छी इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन हर कदम पर आपकी तैयारी सही है या नहीं यह मायने रखता है. रिफरेंस रजिस्टर को 5 भाग में बांट लें, प्रत्येक भाग में संबंधित शब्द या पंक्ति जिसमें हमेशा गलती होती है, नोट करें और समय-समय पर उनकी प्रैक्टिस करें. ऐसा करने से न सिर्फ गलतियों में सुधार होगा बल्कि आत्मविश्वास भी दोगुना हो जाएगा.


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Prashant Kumar is a content writer with 5+ years of experience in education and career domains. He has qualified UGC NET in History and was previously a faculty for IAS/PCS prep. He has earlier worked with Doordarshan & HT Media. At jagranjosh.com, Prashant creates real-time content for Govt Job Notifications and can be reached at prashant.kumar@jagrannewmedia.com
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