Indian Army Women Officers Permanent Commission : सेना में जाकर देश सेवा करने वाली महिला अधिकारीयों के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा निर्णय लिया है. रक्षा मंत्रालय द्वारा भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को भी अब स्थायी कमीशन (पीसी) दिए जाने के सम्बन्ध में औपचारिक स्वीकृति पत्र जारी कर दिया है. रक्षा मंत्रालय के इस फैसले से महिला ऑफिसर्स को अब समानता का अधिकार भारतीय सेना में भी मिल गया है.
रक्षा मंत्रालय द्वारा यह निर्णय भारतीय सेना के सभी दस स्ट्रीम्स यानी आर्मी एयर डिफेंस (एएडी), सिग्नल, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई), आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स (AOC), और जज और एडवोकेट जनरल (JAG) और आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स (AEC)के अलावे इंटेलिजेंस कोर के लिए लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी सेवारत एसएससी महिला ऑफिसर्स को सेना में स्थायी कमीशन दिए जाने के अपने फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को एक और महीने का समय दिया था. लेकिन कोविड महामारी के चलते केंद्र ने एक महीने का समय माँगा था.
उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, शीर्ष अदालत ने सेना में महिला अधिकारियों को लिंग भेदभाव एवं महिलाओं के शारीरिक सीमाओं के तर्क को पूरी तरह खारिज करते हुए स्थायी कमीशन और कमांड पोस्टिंग दिए जाने का निर्देश दिया.
अब रक्षा मंत्रालय के औपचारिक घोषणा ने महिला अधिकारियों को अब सेना में कार्यरत रहते हुए बड़ी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए अधिकार संपन्न बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है
इस नए बदलाब के तहत अब सभी प्रभावित एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का उपयोग कर वांछनीय दस्तावेजों को जमा करने पर चयन बोर्ड निर्धारित हो जाएगा.
अभी तक केवल उन्हीं आर्मी ऑफिसर्स को स्थायी कमीशन दिए जाने का प्रावधान था जो आर्मी में 14 वर्ष तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों हो. लेकिन महिलाओं को यह अधिकार नहीं था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले एवं रक्षा मंत्रालय द्वारा औपचारिक घोषणा के बाद अब सेना में महिलाओं को पुरुष अफसरों के बराबरी का अधिकार मिल गया है.
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