फिजियोथेरेपिस्ट का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य संबंधी सरकारी परियोजनाओं, रक्षा मंत्रालय के विभागों, खेल प्राधिकरणों, रेलवे, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, आदि में होता है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में फिजियोथेरेपिस्ट का पद पैरा-मेडिकल विभाग या अस्थि विभाग या ऑर्थोओपेडिक विभाग में ग्रुप ‘बी’ के स्तर का होता है. फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य होता है कि वह अस्पताल या स्वास्थ्य कार्यक्रम या परियोजना के अनुरुप संबंधित सर्जन (डॉक्टर) के निर्देशों के अनुरूप मरीजों की फिजियोथेरेपी तकनीकों से इलाज करे, उन्हें आवश्यक सावधानियां या दवाओं की सलाह दे और फिजियोथेरेपी विभाग के संबंधित आवश्यक उपकरणों के क्रय एवं रख-रखाव की देख-रेख करे.
फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट विभाग में मरीजों की उपचार के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. फिजियोथेरेपिस्ट को सुनिश्चित करना होता है कि डॉक्टर ने जिस किसी भी बिमारी या चोट या शारीरिक बनावट के लिए फिजियोथेरेपी प्रेस्क्राइब की है उनका उपयुक्त तकनीकों और उपकरणों के माध्यम से रोगियों का उपचार करे. फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति स्पेशिलाइजेशन के अनुसार होती है, जैसे - आर्थोपेडिक, कार्डियो, न्यूरो एवं स्पोर्ट्स. इसलिए फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको संबंधित स्पेशियलाइजेशन में प्रचलित रोगों की जानकारी, रोगों के अनुरूप आवश्यक फिजियोथेरेपी तकनीक व उपकरण के इस्तेमाल की आदि में निपुणता हो और संबंधित सर्जन (डॉक्टर) के निर्देशों के अनुसार मरीजों इलाज को उपलब्ध कराये.
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों (फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बॉयोलॉजी या गणित) के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए. इसके साथ ही, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से फिजियोथेरेपी में डिग्री या डिप्लोमा उत्तीर्ण होना चाहिए. इसके अतिरिक्त उम्मीदवारों को अखिल भारतीय फिजियोथेरेपी एसोसिएशन या संबंधित राज्य के स्टेट फिजियोथेरेपी एसोसिएशन से पंजीकृत होना चाहिए.
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता रखने वाल उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है
- संबंधित स्पेशियलाइजेशन में प्रचलित रोगों की जानकारी
- फिजियोथेरेपी तकनीक व उपकरण में निपुणता
- पूर्व में कार्य का अनुभव
- फिजियोथेरेपी में मास्टर्स डिग्री; संबंधित स्पेशियलाइजेशन में एमपीटी
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए कितनी है आयु सीमा?
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए चयन प्रक्रिया
फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.
कितनी मिलती है फिजियोथेरेपिस्ट को सैलरी?
फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर सातवें वेतन आयोग के लेवल-6 के अनुरूप रु. 35400-1,12,400 के अनुसार सैलरी दी जाती है. यदि फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर संविदा के आधार पर भर्ती की जाती है तो रु.20000-75000 (योग्यता के अनुसार) प्रति माह तक वेतन दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
फिजियोथेरेपिस्ट, कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
फिजियोथेरेपिस्ट का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य संबंधी सरकारी परियोजनाओं, रक्षा मंत्रालय के विभागों, खेल प्राधिकरणों, रेलवे, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, आदि में होता है इसलिए इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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