रिसर्च इन्वेस्टिगेटर का पद केंद्र और राज्य सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय, आर्थिक मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, आदि मंत्रालयों के अधीन आने वाले विभिन्न विभागों एवं शैक्षणिक व शोध संस्थानों, आदि में होता है. आमतौर पर सरकारी संगठनों और संस्थानों में रिसर्च इन्वेस्टिगेटर का पद ग्रुप ‘बी’ (नॉन-गजेटेड) स्तर का होता है. रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के पदों पर नियुक्ति के लिए चयन केंद्र सरकार के अधीन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. रिसर्च इन्वेस्टिगेटर का कार्य होता है कि वह सम्बन्धित विभाग या संगठन के कार्य-क्षेत्र के अनुसार, जैसे-जनांकीय, सांख्यिकी, आर्थिक, कृषि, आदि, के क्षेत्र में विभिन्न विषयों या समस्याओं से सम्बन्धित आकड़ों को एकत्रित करे, कंपाइल करे और इन आकड़ों का विभिन्न तकनीकों एवं पद्धतियों से व्याख्या करे.
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्टैटिस्टिक्स या ऑपरेशंस रिसर्च या फॉरेस्ट्री या इकनॉमिक्स (स्टैटिस्टिक्स के साथ) या कॉमर्स (स्टैटिस्टिक्स के साथ) या मैथमेटिक्स (स्टैटिस्टिक्स के साथ) या एग्रीकल्चर (स्टैटिस्टिक्स के साथ) में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री उत्तीर्ण हों या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट में दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा उत्तीर्ण हों. साथ ही, आकड़ों को एकत्रित करने या कंपाइल करने या आकड़ों का विभिन्न तकनीकों एवं पद्धतियों से व्याख्या करने के क्षेत्र में एक वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के लिए कितनी है आयु सीमा?
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति होती है तो अधिकतम आयु सीमा 32-35 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के लिए चयन प्रक्रिया
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के पद पर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाता है. लिखित परीक्षा कंप्यूटर आधारित बहुविकल्पीय प्रकृति की होती है जिसमें जनरल इंटेलीजेंस, जनरल अवेयरनेस, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और इंग्लिश लैंग्वेज से सम्बन्धित प्रश्न होते हैं. लिखित परीक्षा में (0.50 अंक) की निगेटिव मार्किंग भी होती है. कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 35% अंक अर्जित करने होते हैं. लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट के अनुसार उत्तीर्ण उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए आमंत्रित किया जाता है.
कितनी मिलती है रिसर्च इन्वेस्टिगेटर को सैलरी?
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 2 (रु. 9300-34800/- + ग्रेड पे रु. 4200) के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके साथ ही सरकार द्वारा लागू विभिन्न प्रकार के भत्ते दिये जाते हैं. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
रिसर्च इन्वेस्टिगेटर का पद केंद्र और राज्य सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय, आर्थिक मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, आदि मंत्रालयों के अधीन आने वाले विभिन्न विभागों एवं शैक्षणिक व शोध संस्थानों, आदि में होता है. इन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. इन सभी रिक्तियों के बारे में अधिसूचना समय-समय पर आयोगों द्वारा निकाली जाती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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