केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का कार्य विभिन्न सरकारी नौकरियों पर भर्ती के लिए ‘साझा पात्रता परीक्षा’ (Common Eligibility Test) आयोजित करने का होगा. इस प्रकार अब अलग-अलग सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों को बहुत सारी परीक्षाओं के लिए आवेदन करना एवं परीक्षा में शामिल होने की जरुरत नहीं है.
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को अब केवल राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी द्वारा आयोजित किये जाने वाले ‘साझा पात्रता परीक्षा’ (Common Eligibility Test) में शामिल होना होगा. इस प्रकार अब सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग एजेंसियों की बजाय एक ही एजेंसी परीक्षा कराएगी. देश में इस समय करीब 20 एजेंसी हैं जो परीक्षाएं कराती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके National Recruitment Agency के बारे में कहाँ है कि करोड़ों नौजवानों के लिए National Recruitment Agency एक वरदान साबित होगा. कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के कई परीक्षणों को समाप्त कर देगा और कीमती समय और संसाधनों को भी बचाएगा. इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
प्रकाश जावड़ेकर ने National Recruitment Agency के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे, बैंकिंग और SSC की प्राथमिक परीक्षा के लिए अब उम्मीदवारों को अलग-अलग परीक्षाएं देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बल्कि इन तीनों के लिए एक एजेंसी बनाई जाएगी. एक ही आवेदन, एक ही शुल्क, एक ही परीक्षा होगी. अभी तक केवल दो भाषाओं में ही परीक्षा देने की इजाजत थी, लेकिन इसके जरिए परीक्षार्थी 12 भाषाओं में परीक्षा दे सकता है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा (Railway Jobs), बैंकों की भर्ती परीक्षा (Bank Jobs) और कर्मचारी चयन आयोग (SSC) आयेंगे.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे. ‘साझा पात्रता परीक्षा’ (Common Eligibility Test) आयोजित करने के लिये हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आयेंगी.
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