बैंकिंग क्षेत्र में हाल के वर्षों में बहुत अधिक संख्या में नियुक्तियां की जा रही हैं क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो देश में तेजी से अपना विस्तार कर रहा है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में बैंकिंग सेवाओं का प्रबंधन करने के लिए बड़ी संख्या में कुशल कर्मियों की आवश्यकता होगी। दो सबसे बड़े बैंकिंग क्षेत्र जिनमें भर्ती प्रक्रिया की सबसे ज्यादा मांग हैं वो हैं- एसबीआई पीओ और आईबीपीएस पीओ। इन दोनों के लिए हर साल भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है और इनमें चयनित उम्मीदवारों को एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में एक अधिकारी के रूप में नियु्क्ति दी जाती है। हम इन दोनों नौकरियों के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी देंगे जिससे उम्मीदवारों को यह पता चल सके कि किस तरह से एक बैंकर के रूप में वे अपनी नौकरी को सुरक्षित कर सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक पीओ: एक नजर
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक की देश भर में फैली शाखाओं के लिए प्रति वर्ष अधिकारी संवर्ग के लिए भर्ती विज्ञापन निकाले जाते हैं। एक अच्छे वेतन पैकेज, पदोन्नति नीति और सामाजिक स्थिति के कारण यह अधिकांश बैंकिंग उम्मीदवारों की पंसदीदा नौकरी होती है। इनका विवरण इस प्रकार है:
• वेतन और भत्ते: किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की तुलना में भारतीय स्टेट बैंक के पीओ को प्रारंभिक चरण में चार गुना या उससे अधिक वेतन मिलता है और यही कारण है कि इसका वेतन किसी अन्य पीएसबी की तुलना में अधिक होता है। इसके साथ ही भत्तों में लगभग हर चीज कवर होती है, जिसमें आवास, फर्नीचर, चिकित्सा, वाहन, पुस्तक अनुदान, और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
• जॉब प्रोफाइल: भारतीय स्टेट बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी (पीओ) के रूप में आप शुरूआती दिनों में अपने कैरियर की शुरूआत या तो आपरेशन या फिर ऋण विभाग में आवंटन से करते हैं। एसबीआई में शाखा बैंकिंग का अनुभव सबसे रोमांचक अनुभव होता है क्योंकि इसमें हर प्रकार के ग्राहकों से आपका संवाद होता है। आप देख सकते हैं कि बैंकिग टाइम शुरू होने से पहले ही ग्राहकों की एक लंबी कतार आपके सामने होती है। इसलिए आराम का कोई समय नहीं मिलता है। आपको भुगतान, प्राप्ति, चेक, पैसे का स्थानांतरण, खाता खोलना, सावधि जमा जैसे कार्यों को अंजाम देना होता है। एक क्रेडिट अधिकारी के रूप में आपको नए कर्ज चुकाने के अलावा यह भी ध्यान देना होता है कि वितरित राशि कहीं एनपीएए ना बन जाए।
• पदोन्नति (प्रमोशन) नीति: भारतीय स्टेट बैंक की पदोन्नति नीति देश में सबसे अच्छी पदोन्नति नीतियों में से एक है और दो साल के अंदर यदि आप विभागीय परीक्षा पास कर लेते हैं तो आपको अगले स्तर पर पदोन्नत कर दिया जाता है। उसके बाद यदि आप एक परफॉर्मर हैं तो बैंक आपके सपनों को साकार करता है, इसके बारे में आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह भी असंभव नहीं है कि आप देश के सबसे प्रतिष्ठित बैंक के चैयरमैन (उदाहरण के लिए अरुंधति भट्टाचार्य) के रूप में भी रिटायर हों सकते हैं ।
• तैनाती (पोस्टिंग): जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं देश भर में फैली हुईं हैं। आपकी पोस्टिंग देश में कही भी हो सकती है और वह दूरदराज का ग्रामीण क्षेत्र भी हो सकता है। इसलिए देश के किसी भी नुक्कड़ या कोने में पोस्टिंग के लिए तैयार रहना चाहिए।
• कार्य दबाव (वर्क प्रेशर): इस नौकरी के साथ एक व्यावसायिक खतरा भी है क्योंकि अपनी ब्रांच के लाभ के लिए आप जिम्मेदार होते हैं। जब आप एक ऋण प्रस्ताव प्राप्त नहीं कर पाते हैं या आप अपने आकाओं को खुश करने के लिए पर्याप्त कोष जमा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं तो तब आप चुनौती के लिए तैयार रहें। लेकिन अगर आप अच्छा काम करते हैं तो आपको प्रोत्साहन (इंसेटिव) भी अच्छा मिलता है।
• सामाजिक स्थिति: यदि आप एक बैंकर बनना चाहते हैं तो यह नौकरी आपके लिए है। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक के एक अधिकारी के रूप में आपकी सामाजिक स्थिति (सोशल स्टेट्स) देश के अन्य वाणिज्यिक बैंक के अधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक होती है।
आईबीपीएस पीओ: नौकरी प्रोफ़ाइल की विस्तृत जानकारी
आईबीपीएस पीओ बैंकिंग क्षेत्र है जो हर साल सबसे अधिक मात्रा में भर्ती परीक्षा आयोजित करता है। यह भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करता है। हर साल बड़ी संख्या में महत्वाकांक्षी बैंकर इस परीक्षा में शामिल होते हैं। उम्मीदवार अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी के लिए आवेदन करते समय दिए गए वरीयता क्रम में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए चयनित होते हैं।आइए जानते हैं कि पीएसबी के एक अधिकारी के रूप में कैसी जीवन शैली होती है?
• वेतन और भत्ते: देश में पीएसबी के एक अधिकारी के रूप में आपको एक अच्छा वेतन मिलने के साथ-साथ एक अच्छी जीवन शैली भी जीने को मिलती है। जाहिर है कि एक भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी के वेतन और भत्ते की तुलना में इसमें वेतन कम मिलता है और इसके अलावा इसमें मिलने वाले भत्ते भी भारतीय स्टेट बैंक (विभिन्न बैंको के अलग-अलग) की तुलना में कम होते हैं। जबकि आपको सभी बैंकों में ज्यादातर समान भत्ते मिलते हैं।
• जॉब प्रोफाइल: अन्य बैंकों की तुलना में जॉब प्रोफाइल एक जैसा ही रहता है। या तो आपको बैंक के सामान्य कामकाज के विभाग में कार्य करने का मौका मिलता है या फिर बैंक ऋण विभाग में। एक सामान्य बैंकिंग अधिकारी के रूप में आपको भुगतान, फंड ट्रांसफर, खाता खोलना, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि का कार्य करना होता है जबकि एक क्रेडिट अधिकारी के रूप में आपकी मुख्य जिम्मेदारी अपनी ब्रांच के लोन पोर्टफोलियो में वृद्धि करना होता है और यह भी देखना होता है कि जब एनपीए की घोषणा होती है तो तब आपकी ब्रांच सूची में सबसे ऊपर तो नहीं हैं।
• पदोन्नति नीति (प्रमोशन): जब वे पदोन्नति और तबादलों के संबंध में सरकार के नियम के अनुरूप कंफर्म हो जाते हैं तब प्रमोशन नीति लगभग सभी बैंकों के लिए एक सी ही होती है। यदि आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपके पास शीर्ष पर पहुंचने का काफी अच्छा मौका रहता है। इसके अलावा प्रमोशन के लिए समय-समय पर विभागीय परीक्षाएं भी आयोजित की जाती हैं।
• पोस्टिंग: हर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की अधिकतर शाखाएं देश के एक विशेष क्षेत्र में सर्वाधिक होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी पोस्टिंग उस विशेष क्षेत्र में ही की जाएगी। दर असल आपकी तैनाती भारत में कहीं भी की जा सकती है और बिल्कुल यही बात एक बैंकर की नौकरी में भी लागू होती है।
• कार्य दबाव: भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर इसका यहां किसी भी अन्य पीएसबी की तुलना में ज्यादा फायदा है क्योंकि यहां एसबीआई की तुलना में काम का दवाब और तनाव काफी कम रहता है। आईबीपीएस पीओ आपके लिए बेहतर ऑप्शन है। यदि आपकी पोस्टिंग ऐसे ब्रांच में होती है जहां काम का बोझ काफी ज्यादा है (और यह असंभव नहीं है), तो जाहिर है कि यह आपके लिए कतई लाभ की स्थिति नहीं है।
• सामाजिक स्थिति: एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी के रूप में आपका सामाजिक रुतबा काफी अच्छा रहता है और साथ में अच्छा सम्मान भी मिलता है।
आईबीपीएस पीओ और भारतीय स्टेट बैंक पीओ दोनों अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार अच्छी नौकरी है। नियम और शर्तों में तुलना करके हम एक दूसरे को अच्छा या बुरा नहीं कह सकते। यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है जो नौकरी कर रहा होता है क्योंकि हर व्यक्ति की नौकरी को लेकर अपनी अलग- अलग उम्मीदें होती हैं। अब यह पूरी तरह आपकी प्रकृति और स्थिति पर निर्भर करता है कि आप किसे अपने करियर के बेहतर विकल्प के रूप में चुनेंगे ?
ऑल द बेस्ट!!
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