प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगो से बातचीत के लिए आरंभ की गई मन की बात कार्यक्रम दिनोदिन लोकप्रियता के नए आयाम को छू रही है, वही यह सवाल उठता है कि आखिर नौकरी के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवार (बेशक यह देश की विशाल जनसंख्या का महत्पूर्ण हिस्सा है) इसमें क्या सुनने की उम्मीद रखते हैं. आज सरकारी नौकरी की इच्छा लिए हर युवक के लिए निश्चित ही प्रधानमंत्री के इस संबोधन के लिय एक जबरदस्त अपील और क्रेज है और यह जानना अत्यंत आवश्यक हाकी उन्हें इससे आखिर क्या सुनने की उम्मीद है?
कहने की आवश्यकता नहीं की मन की बात कार्यक्रम ने आज देश के लोगो के जेहन में एक खास मुकाम बना लिया है और देश की बड़ी आबादी ने इसे व्यापक दृष्टिकोण के साथ इसे आत्मसात भी किया है. सच्चाई तो यह है कि इस कार्यक्रम में जब से प्रधान मंत्री ने लोगो की बातों को शामिल करना आरंभ किया है, इसका क्रेज और भी बढ़ गया है. अब लोग इसमें अपने समस्याओं का समाधान सुनने की इच्छा रखते हैं.
इसलिए मन की बात के साथ ही आज यह स्पष्ट हो चूका है कि सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले हर युवा, भले ही वह देश के दूर दराज के इलाकों से क्यों नहीं हो, खुद को इससे जुड़ना चाहता है जो विभिन्न मुद्दों और इसके समाधान के लिए आम जनता को सीधे संबोधन के माध्यम से प्रधान मंत्री ने आरंभ किया है.
सरकारी नौकरी सिर्फ स्नातकों के लिए नहीं है?
आज यह सोचना एकदम गलत है कि सरकारी नौकरी का मतलब सिर्फ स्नातक पास युवाओं से है. भले भी यह व्यवस्था पहले के लिए मान्य थी लेकिन आज स्नातक के पहले की डिग्री लिए युवाओं के लिए रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध है. जी हां आज मैट्रिक, हायर सेकेंडरी सहित अन्य युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के बेशुमार अवसर उपलब्ध है और इसके लिए आपको स्नातक होने का इंतजार करने की जरूरत भी नहीं है. 10 वीं/10 + 2 वीं पास युवाओं के लिए भी ढेरो अवसर है और युवा इनका लाभ भी उठा रहे है.
सरकार नौकरी के बारे में पहले यह तथ्य एक फैक्टर बनता था जहाँ कम योग्यता वालों के लिए सरकारी नौकरी में दरवाजे बंद मिलते थे लेकिन आर सिनेरियो बिलकुल बदल चूका है. कई विभाग भी 10 वीं/10 + 2 वीं पास युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोल चुकी है और इस संबंध में बड़े पैमाने पर ऐसे युवा भी सामने आ रहे हैं जोकि नौकरी के अपने सपने को पहले ही पूरा कर आगे की तैयारी करना जारी रख रहे है.
सरकार नौकरियों की भर्ती कभी भी तीसरे पक्ष द्वारा नहीं होता.
कहने की जरुरत नहीं कि सरकारी नौकरी में होने वाल स्केम के मामले में नोटबंदी के कारण कुछ प्रभाव पड़ी है, लेकिन फिर भी सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं के क्रेज में कोई कमी नहीं आई है. सरकारी नौकरी अस्पिरेंट्स को यह बात याद रखनी चाहिए की कोई भी सरकारी विभाग अपने यहां नियुक्ति के लिए कभी भी किसी थर्ड पार्टी को नहीं रखती है.
अपना यहाँ उपलब्ध पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया और संबंधित चरण सभी एक पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जा रहा है.
निश्चित ही इस जानकारी के साथ वैसे कई उम्मीदवार जो सरकार क्षेत्र में शामिल होने के लिए इन धोखेबाजों के जाल में फँस जाते हैं, निश्चित ही वे अब सावधान रहेंगे और ऐसे किसी भी तरीकों से खुद को सावधान रहेंगे.
सरकारी क्षेत्रों में आपका प्रदर्शन ही आपके मूल्यांकन का आधार है.
अक्सर लोगों में यह बात घर कर चुकी है की प्राइवेट सेक्टर की तुलना में सरकारी कर्मचारियों के लिये मूल्यांकन सही रूप से नहीं होती है. निश्चित ही यह निराशा का एक प्रमुख वजह है लेकिन अब समय आ चूका हैकि की लोग इस संबंध में सच्चाई को जाने. सरकारी क्षेत्रों में अब मूल्यांकन और पदोन्नति प्रणाली में इन वर्षों में भारी परिवर्तन आया है और अब युवाओं को बड़े पैमाने पर ठीक से शिक्षित किए जाने की जरूरत है.
इस संदेश को वैसे युवाओं तक पहुँचाया जाता है जो निराश है और अभी तक सच्चाई नहीं जान पाए है, तो निश्चित ही इससे उन्हें लाभ होगी. सरकारी क्षेत्र में कर्मचारियों के बारे में जो नकारात्मक धारणा पूरी तरह से बैठ गई है, निश्चित ही उसे बाहर किया जा सकता है।. इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा की कई प्रतिभाएं आगे से सरकारी नौकरियों के लिए शामिल होने से संकोच नहीं करेंगे.
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