अल्हड खेल, लाजवाब स्वाद, बेमिसाल सुर, ऐतिहासिक दुर्ग, आस्था का महाकुंभ, कलकल नदियां, गिरते झरने और तपस्वियों सी अटल पर्वतों की चोटियां... क्या नहीं है भारत में। जरूरत है तो सिर्फ पर्यटकों को अतुल्य भारत की सच्ची तस्वीर दिखाने की। मेहनती और कुशल युवा चाहें, तो भारत की संपन्न विरासत में समृद्ध भविष्य की राह खोज सकते हैं।
अप्रतिम सौंदर्य
कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारिका से मगध तक पसरे प्रकृति के अविस्मरणीय नजारे, धरोहरों की ऐतिहासिक कथाएं और मेहमाननवाजी के मुख्तलिफ अंदाज पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अतिथि देवो भव: की परंपरा वाले हमारे देश में अब तो मेहमान अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ कर रहे हैं। स्थानीय विशेषताओं को यदि ग्लोबल मैनेजमेंट के साथ पेश किया जाए, तो मुश्किल नहीं है पर्यटकों को अतुल्य भारत दिखाना।
फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स
भारतीय पर्यटन उद्योग इन दिनों सबसे तेजी से बढ रहे उद्योगों में से एक है। अपनी तेज रफ्तार की वजह से यह जीडीपी में 6.23 फीसदी की दर से वार्षिक योगदान कर रहा है, वहीं राष्ट्रीय रोजगार में 8.78 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले पर्यटन उद्योग की ही है। हर साल भारत में 5 मिलियन से भी ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं, जबकि घरेलू पर्यटकों की संख्या 562 मिलियन से ज्यादा है। 9.4 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर के साथ इस आंकडे के वर्ष 2018 तक 275.5 बिलियन डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है। वर्ल्ड ट्रैवल ऐंड टूरिज्म काउंसिल के मुताबिक, अगले 8 वर्षो में भारत विश्व पटल पर हॉट स्पॉट के रूप में उभरेगा। वर्ष 2007 में जारी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व के सबसे सस्ते पर्यटन स्थलों में भारत का स्थान छठा है।
जरूरी कोर्स
टूरिज्म में करियर बनाने के लिए इस क्षेत्र में औपचारिक शिक्षा जरूरी है। देश में विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थान एवं विश्वविद्यालय टूरिज्म में डिप्लोमा, बैचलर एवं मास्टर्स डिग्री प्रदान करते हैं। डिप्लोमा कोर्स की अवधि अमूमन एक वर्ष की होती है, जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। परंतु इस क्षेत्र में अच्छी नौकरी पाने के लिए कंपनियां मास्टर्स डिग्री को प्राथमिकता देती हैं। आईसीसीआर इस क्षेत्र में जूनियर फेलोशिप भी प्रदान करता है।
प्रवेश प्रक्रिया
टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी विश्वविद्यालयों-संस्थानों ने अपने यहां एडमिशन के लिए इन दिनों कैट और मैट परीक्षा को तरजीह देना शुरू कर दिया है। इन परीक्षाओं में न्यूनतम 50 फीसदी अंक अर्जित करने के बाद आप इनमें प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। कुछ यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस टेस्ट भी लेती हैं।
कहां हैं संभावनाएं
स्किल्ड युवाओं के लिए यहां संभावनाओं के असीमित द्वार हैं। स्थानीय पर्यटन उद्योग, राष्ट्रीय पर्यटन उद्योग, पर्यटन संबंधी वेबसाइट, होटल इंडस्ट्री, ट्रेवल एजेंसी, एविएशन, कार्गो ऑपरेशन, हॉस्पिटैलिटी आदि में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की खूब डिमांड रहती है।
रूरल टूरिज्म
भारतीय गांवों की सैर विदेशी पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है। यहां के घर, बच्चों के खेल, महिलाओं का ओढना-पहनना, खेत-खलिहान, दैनिक गतिविधियां, अर्थव्यवस्था आदि उन्हें बहुत आकर्षित करते हैं। भारत सरकार भी अब ग्रामीण पर्यटन को बढावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। इसके अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय पर्यटन की शिक्षा देने वाले विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों को ग्रामीण पर्यटन के लिए अनुदान मुहैया करवा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए इसमें बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
देसी का तडका
जो लोग बहुत ज्यादा दौड-भाग नहीं कर सकते, उनके लिए भी यहां खूब संभावनाएं हैं। स्थानीय स्वाद में स्पेशलाइज्ड करते हुए आप छोटे रेस्टोरेंट, फास्ट फूड कॉर्नर आदि भी पर्यटकों के लिए खोल सकते हैं, क्योंकि बटर चिकन या मटर पनीर तो कहीं भी खाया-खिलाया जा सकता है। बाहर से आने वाला पर्यटक उस स्थानीय स्वाद का अनुभव करना चाहता है, जो कहीं और न मिलता हो।
छोटी लागत,बडा मुनाफा
पर्यटन के क्षेत्र में छोटी लागत से भी बडी कामयाबी पाई जा सकती है। इस क्षेत्र में आप अच्छे टूर गाइड, ट्रैकिंग गाइड और एडवेंचर टूरिज्म गाइड बनकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। स्कूली बच्चों को समूह में स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जा सकता है। दो चार विद्यार्थी मिलकर हेरिटेज वॉक का भी आयोजन कर सकते हैं, जिनमें पर्यटकों को स्थानीय बाजारों, शहर, गांव, मंदिरों आदि की पैदल यात्रा करवाई जा सकती है। कम लागत की इन चीजों को पढाई के दौरान भी किया जा सकता है।
प्रमुख संस्थान
इस क्षेत्र में कोर्स उपलब्ध करवा रही विभिन्न यूनिवर्सिटीज में इग्नू, जम्मू विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हिमाचल विश्वविद्यालय, पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, केरल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेवल एंड टूरिज्म स्टडीज और आईटीटीएम ग्वालियर अग्रणी हैं। आईटीटीएम-ग्वालियर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय का संस्थान है। इनके अलावा निजी संस्थानों में एमिटी इंस्टीट्यूट भी है।
मैनेजमेंट का भी हो ज्ञान
पर्यटन के क्षेत्र में सफल प्रोफेशनल बनने के लिए जरूरत है मैनेजमेंट की। होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट, टैक्सी एसोसिएशन आदि तक आपकी आसानी से पहुंच होनी चाहिए। यह तभी संभव है, जब ट्रांसपोर्ट, रोड, ट्रैवल और होटल इंडस्ट्री में स्किल्ड युवाओं की आमद होगी। कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दिल्ली ने सजना-संवरना कब का शुरू कर दिया है। परंतु इस संदर्भ में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अब भी स्किल्ड युवाओं की कमी है। इस तरह के खेल अमूमन मध्यवर्गीय, युवा और बैग पैकर्स देखने आते हैं। ऐसे पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नायाब आइडिया भी आपके पास जरूरी है।
प्रो. कपिल कुमार
(इग्नू, दिल्ली के वरिष्ठ पर्यटन विशेषज्ञ)
अगले 8 वर्षो में भारत पर्यटन के क्षेत्र में हॉट स्पॉट के रूप में उभर सकता है।
भारत में हर साल 5 मिलियन से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं।
घरेलू पर्यटकों की संख्या 562 मिलियन से भी ज्यादा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए काफी संभावनाएं।
टूरिज्म इंडस्ट्री के वर्ष 2018 तक 275.5 बिलियन डॉलर पहुंचने की संभावनौ।
बनें गुड गाइड
जम्मू विश्वविद्यालय में एमबीए इन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी के डायरेक्टर प्रो.दीपक राज गुप्ता से बातचीत के प्रमुख अंश :
पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है?
यह ऐसी राह है, जहां चाह के बिना नहीं चल सकता। फिर चाहें आपके पास कितनी भी डिग्रियां क्यों न हों। कुछ अनूठा खोजने और दिखाने की उत्सुकता आपके भीतर चलती रहनी चाहिए। आपकी कम्युनिकेशन स्किल, जनरल नॉलेज अच्छी होनी चाहिए। कम्युनिकेशन के नित नए संसाधनों पर भी आपको अपटुडेट होना चाहिए। तभी आप बेहतर गाइड के गुण डेवलप कर पाएंगे।
टूरिज्म सेक्टर में आरंभ में कहां और किस स्तर पर जॉब मिलता है?
शुरुआत में स्टूडेंट्स को ट्रैवल एजेंसी, टूर ऑपरेटर्स, होटल और एविएशन इंडस्ट्री में ट्रेनी के रूप में ही जॉब मिलता है। कुछ कंपनियों ने मैनेजमेंट ट्रेनी का पद भी सृजित किया है।
जॉब देने वाली देश-विदेश की प्रमुख कंपनियां कौन सी हैं?
इस क्षेत्र में कियोनी एक प्रमुख कंपनी है। स्विट्जरलैंड बेस इस मल्टीनेशनल कंपनी ने भारतीय कंपनी सीता टूर ऐंड ट्रेवल एजेंसी का अधिग्रहण किया है। इसके अलावा कॉक्स ऐंड किंग्स, थॉमस कुक्स, ला पेसेज ऑफ इंडिया, ऑरबिट्स, मेक माई ट्रिप डॉट कॉम, ट्रैवल इन, स्वागतम, इंडिया इनसाइड, स्टिक आदि इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां हैं।
किस तरह का कोर्स करना उपयोगी रहता है?
यूं तो इस क्षेत्र में अलग-अलग अवधि और नाम के कोर्स मौजूद हैं, परंतु इस क्षेत्र में मास्टर्स इन टूरिज्म मैनेजमेंट ऐंड हॉस्पिटैलिटी बेहतर कोर्स है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में इसका नाम अलग-अलग हो सकता है।
संस्थान का चयन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
कोर्स के लिए संस्थान का चयन करते समय सबसे पहले यह ध्यान देना चाहिए कि डिप्लोमा या डिग्री उपलब्ध करवा रहा संस्थान फर्जी तो नहीं है। प्रॉस्पेक्टस में कोर्स के कंटेंट पर भी ध्यान देना चाहिए। मैनेजमेंट और हॉस्पिटैलिटी इस क्षेत्र की न्यूनतम आवश्यकताएं हैं। उस संस्थान की प्लेसमेंट की स्थिति भी स्टूडेंट्स को अपनी ओर आकर्षित करती है।
योगिता यादव
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