इंडियन इंडस्ट्रियों की वैश्वीकरण पृष्ठभूमि ने शेयर बाजार में क्र ांति ला दी है। इंडियन शेयर मार्केट की इस चमक ने भारी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद रोजगार के क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्घि हुई है। क्या है शेयर मार्केट और किस तरह के हैं इसमें करियर..
नेशनल
स्टॉक एक्सचेंज एनएसआई की स्थापना सन 1994 में दिल्ली में हुई थी। इसका प्रमुख कार्य भारत के निवेशकों को कारोबार की सुविधा प्रदान करना है। आज स्टॉक एक्सचेंज लगभग देश के सभी महानगरों में है। इसके अलावा ग्रेड बी शहरों में भी शेयर का कारोबार होता है। इसमें दिल्ली, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, जयपुर सहित तमाम ऐसे एक्सचेंज हैं जहां दिन प्रतिदिन करोडों से लेकर अरबों तक का कारोबार होता है। एक समय था जब विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियां इंडियन इंड्रस्ट्रियों का अधिग्रहण करती थीं, अब ठीक उसके उल्टा भारतीय कॉरपोरेट कंपनियां विश्व की नामचीन कंपनियों का अधिग्रहण कर रही हैं। मेट्रो शहरों के अलावा बी कैटेगरी के शहरों में भी लोगों की शेयर में इंवेस्ट करने की रुचि बढी है। यही कारण है कि इसमें संबंधित प्रोफेशनल की काफी मांग है। यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपका बेहतर भविष्य हो सकता है।
क्या है योग्यता
स्नातक के बाद कोई भी स्टॉक मार्केट से संबंधित किसी भी तरह का कोर्स करके स्टॉक ब्रोकिंग फर्म से जुड सकता है। शेयर मार्केट में लोगों की जागरुकता बढने से इस क्षेत्र में प्रोफेशनल की डिमांड में खूब वृद्घि हुई है। बडी कम्पनियां फाइनेंस में स्पेशलाइजेशन करने वाले एमबीए डिग्रीधरियों को वरीयता देती हैं।
शेयर मार्केट में इकोनॉमिस्ट, अकाउंट्स, स्टॉक ब्रोकर्स, फाइनेंशियल स्पेशलिस्ट, कैपिटल मार्केट एक्सपर्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट, फाइनेंशियल प्लानर आदि को इस प्रोफेशन में अच्छे पैकेज में हाथों हाथ नौकरी मिल रही है। कुछ वर्षो का अनुभव लेने के बाद कैंडिडेट्स अपना कार्य स्वयं शुरू कर सकता है। सब ब्रोकिंग का कार्य बारहवीं पास युवा अनुभव हासिल करने के बाद शुरू कर सकते हैं।
स्वयं बनिए ब्रोकर
इस फील्ड में जाने के इच्छुक लोगों में स्टॉक एक्सचेंज एवं मनी मार्केट की बारीकियां तथा वित्तीय लेन देन की समझ होना बहुत जरूरी है। सभी एक्सचेंजों के नियमों में भिन्नता है। इसलिए उन सभी के कार्य करने के तरीके अलग-अलग होते हैं। यदि आपके पास कम से कम दो साल का अनुभव है तो यह कार्य करने में कोई खास परेशानी नहीं आएगी। स्टॉक एक्सचेंज में एक ब्रोकर के रूप में मेंबरशिप लेने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा मेम्बरशिप फीस देनी पडती है। यह फीस समय-समय पर बदलती रहती है। प्रोफेशनल्स चाहे तो स्वयं ब्रोकर का भी काम कर सकते हैं। इसके लिए आप स्टॉक एक्सचेंज या स्टॉक ब्रोकिंग ज्वाइन कर सकते हैं। अनुभव हो जाने पर स्वयं की फाइनेंशियल एजेंसी, सब ब्रोकिग, ब्रोकिंग तथा फर्म भी चला सकते हैं।
स्टॉक मार्केट
जनता और सरकारी व निजी कंपनियों से पैसा एकत्रित करने का माध्यम है स्टॉक मार्केट, जबकि स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा बाजार है जहां स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स सिक्योरिटीज, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट्स बॉन्ड्स आदि संस्थाओं व लोगों को खरीदते और बेचते हैं।
वर्तमान में स्टॉक एक्सचेंज लगभग देश के सभी महानगरों में हैं। छोटे शहरों में भी सब ब्रोकर शेयरों को खरीदने एवं बेचने का काम करते हैं। यह कारोबार छोटे शहरों में फैलने से बडी संख्या में रोजगार के अवसरों में वृद्घि हुई है।
क्या है कमाई
कॉमर्स या इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट शुरुआती दौर में 12 से 18 हजार रुपये मासिक आसानी से कमा लेते हैं, जबकि पोस्ट ग्रेजुएट कैंडिडेट्स की कमाई 20 से 25 हजार प्रतिमाह हो सकती है। जैसे-जैसे इस फील्ड का अनुभव बढता जाएगा, आय में स्वाभाविक रूप से इजाफा होता चला जाएगा।
किस तरह के कार्य
शेयर मार्केट से जुडे स्टॉक ब्रोकर्स, मार्केटिंग ऐंड सेल्स रिप्रेजेंटिव, सिक्योरिटी एनालिस्ट, सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव एवं कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट आदि तमाम प्रकार के कार्य हैं, जिनकी पैनी निगाह वित्तीय लेखा-जोखा, रिसर्च तथा बाजार से जुडे कई प्रकार के आकलन पर होता है।
स्टॉक ब्रोकर
स्टॉक ब्रोकर्स एवं कैपिटल मार्केट एक्सपर्ट का कार्य शेयरों की खरीद और बिक्री के बारे में सलाह देना होता हैं। वैसे इस तरह का मशविरा ब्रोकिंग कंपनियां भी प्रदान करती हैं। ऐसी कंपनियों में फाइनेंशियल एनालिस्ट, अकाउंटेंट्स, इकोनॉमिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट्स सहित कई अन्य प्रोफेशनल्स कार्य करते हैं।
मार्केटिंग ऐंड सेल्स रिप्रेजेंटिव
बॉन्ड्स, इंस्टीट्यूशनल अकाउंट्स खोलने, म्यूचुअल फंड्स आदि की बिक्री के लिए मार्केटिंग ऐंड सेल्स रिप्रेजेंटिव को नौकरी पर रखा जाता है।
सिक्योरिटी एनालिस्ट
सिक्योरिटी एनालिस्ट का कार्य आमतौर पर कॉमर्स ग्रेजुएट या फिर इकोनॉमिस्ट करते हैं। इनका कार्य एडवाइजर के रूप में इंश्योरेंस कंपनियां, ब्रोकरेज फर्मो एवं चोटी की वित्तीय कंपनियों में मार्के ट की सही जानकारी देना होता है।
सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव
शेयरों को खरीदने एवं बेचने से संबंधित जानकारी देने तथा नए ग्राहकों का खाता खोलने के लिए कंपनियां सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव की नियुक्ति करती हैं।
कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट
इनका कार्य मार्केट में उभरते ट्रेंड पर नजर रखने के साथ शेयर मार्केट में पूंजी निवेश संबंधी सलाह देना है। ऐसे जानकर आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स एवं फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट कंपनियों में कार्य करते हैं।
जोश डेस्क
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