सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसम्बर 2015 को राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी किया कि पीड़ितों को विकलांगों की श्रेणी में रखा जाए तथा उन्हें सरकारी नौकरियों व समाज कल्याण योजनाओं में आरक्षण दिया जाए.
जस्टिस एम वाई इकबाल और जस्टिस सी नगप्पन की बेंच ने एसिड अटैक की शिकार बिहार की एक पीड़ित द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. बेंच ने बिहार सरकार से पीड़ित को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने और उसकी सर्जरी समेत सभी इलाज निःशुल्क कराने का निर्देश दिया.
पृष्ठभूमि
इससे पहले वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी प्राइवेट अस्पतालों को एसिड अटैक के शिकार लोगों की सहायता हेतु निर्देश जारी किए थे. इसमें दवा और महंगी सर्जरी समेत मुफ्त इलाज करना शामिल है.
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में एसिड की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की बात भी कही थी.
- यह भी निर्देश दिया गया था कि एसिड अटैक के पीड़ित को कम से कम 3 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.
- भारत में प्रत्येक वर्ष 1 हज़ार मामले दर्ज किये जाते हैं जबकि पूरे विश्व में लगभग 1500 मामले सामने आते हैं.
- हमलावर ज्यादातर मामलों में चेहरे को निशाना बनाते हैं.
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