7 अगस्त: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
द्वितीय हथकरघा दिवस देश भर में 7 अगस्त 2016 को मनाया गया. मुख्य समारोह वाराणसी में आयोजित किया गया. जिसमें संत कबीर पुरस्कार एवं राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए गिए. केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थी.
सभी राज्यों में राज्य स्तर पर राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भी मनाया गया. इसके अतिरिक्त, 200 से अधिक हथकरघा कलस्टरों में भी यह दिवस मनाया गया. पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस वर्ष 2015 में मनाया गया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 अगस्तर 2015 को चेन्नई में आयोजित प्रमुख समारोह में मुख्य अतिथि थे.
पृष्ठभूमि:
7 अगस्त को भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2015 की तारीख के राजपत्र (गजट) अधिसूचना के माध्यम से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में अधिसूचित किया गया था, जिसका उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान में इसके योगदान के बारे में जागरुकता फैलाना और हथकरघा को बढ़ावा देना, बुनकरों की आय को बढ़ाना और उनके गौरव में वृद्धि करना था. 7 अगस्त की तारीख का चयन भारत की आजादी की लड़ाई में इसके विशेष महत्व को देखते हुए किया गया है.
वर्ष 1905 में इसी दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की ऑपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी.
इस आंदोलन में घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं का पुनरोत्थान शामिल था. भारत सरकार इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया है.
इस दिवस पर हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन भी दिया गया तथा इसे हमारी संस्कृति के अहम भाग के तौर पर प्रस्तुत किया गया.
हथकरघा जनसंख्या 2009-10 के अनुसार भारत में 43 लाख लोग हथकरघा उद्योग में कार्यरत हैं.
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