2जी पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में तीन नए सदस्यों को 26 नवंबर 2012 को शामिल किया गया. अक्टूबर 2012 में इसके तीन सदस्यों मनीष तिवारी, शशि थरूर, और अधीर रंजन चौधरी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो जाने के बाद इस पुनर्गठन की आवश्यकता थी.
नए सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन पीसी चाको ने एक प्रस्ताव रखा जिसे लोकसभा में शोरगुल के बीच ध्वनि मत से पारित किया गया. नए सदस्यों के रूप में कांग्रेस के वी अरुण कुमार, भक्त चरण दास और प्रताप सिंह बाजवा को शामिल किया गया.
इस कमेटी का कार्यकाल दिसंबर 2012 में समाप्त हो रहा है. इस पैनेल ने पूर्व एवं सेवारत सरकारी अधिकारियों, जांच एजेंसियों और सीएजी से काफी सबूत इकट्ठे किए हैं, ताकि 2जी मामले में वर्ष 1998 से वर्ष 2009 के बीच के सरकारी निर्णयों की समीक्षा कर अनियमितताओं और चूकों का पता लगाया जा सके.
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