पचास देशों के वित्त मंत्रियों और कर प्रमुखों ने कर सूचनाओं के स्वतः आदान-प्रदान हेतु 29 अक्टूबर 2014 को समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता वर्ष 2017 से लागू होगा. यह समझौता बर्लिन में किया गया जिसमें समझौते के प्रतिभागी देशों को वित्तीय आंकड़े साझा करने और कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रयासों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
समझौते के प्रतिभागी देश वर्ष 2017 से अपने वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से एकत्र आंकड़े स्वतः आदान-प्रदान करने लगेंगे. इस समझौते को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा विश्व की शीर्ष 20 देशों के साथ परामर्श के साथ विकसित किया गया. इस पर हस्ताक्षर करने वालों में अधिकतर यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ लिचेस्टाइन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और केमैन द्वीप जैसे टैक्स हैवन्स वाले देश शामिल हैं. इसके अतिरिक्त संयुक्त राज्य अमेरिका ने समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए लेकिन द्विपक्षीय सौदों के हिस्से के रूप में जानकारी साझा करने की बात कही, जबकि भारत ने समझौते पर हस्ताक्षर करने को टाल दिया.
ओईसीडी के महासचिव - एन्जिल गुर्रिया
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