6थ ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट फोरम में, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, बेंगलुरु के सहयोग से आयोजित किया गया था, भारत ने ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, नवाचार और डिजिटल क्रांति पर अपना ध्यान केंद्रित किया है.
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) एवं ब्रिक्स शेरपा में सचिव (CPV एवं OIPA) संजय भट्टाचार्य ने ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट फोरम में समापन भाषण दिया.
छठा ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक मंच: मुख्य विशेषताएं
- इस फोरम आयोजन के दौरान अधिकारियों ने यह नोट किया कि कोरोना वायरस महामारी ने न केवल ब्रिक्स देशों में, बल्कि दुनिया भर में नागरिकों के सामने भारी कठिनाइयां उत्पन्न कर दी हैं. अधिकांश लोगों के जीवन और आजीविका दोनों नष्ट हो गए हैं और देश-दुनिया में असमानताएं भी काफी बढ़ गई हैं.
- ब्रिक्स को समावेशी पुनर्प्राप्ति की सुविधा के लिए टीकों, कच्चे माल और संबद्ध वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान और तकनीकी सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
ब्रिक्स विज्ञान संबंधी मंत्रालयों ने अनुसंधान का समर्थन करने के लिए मिलाया हाथ
कोरोना वायरस महामारी की प्रतिक्रिया के तौर पर, ब्रिक्स वैज्ञानिक मंत्रालयों ने कई क्षेत्रों में सहयोगी अनुसंधान का समर्थन करने के लिए आपस में हाथ मिलाया है.
ब्रिक्स देशों की एजेंसियों, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारत से जैव प्रौद्योगिकी विभाग शामिल हैं, को सहयोगी परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए लगभग 10 मिलियन अमरीकी डालर का सह-निवेश किया गया है.
ब्रिक्स COVID कॉल के तहत परियोजनाएं
- संजय भट्टाचार्य ने यह बताया कि, ब्रिक्स को कोविड कॉल के तहत लगभग 84 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. समर्थन के लिए अनुशंसित इन 12 में से 06 परियोजनाओं में भारत भागीदार है.
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य COVID-19 वायरस के उपचार और रोकथाम के लिए टीके, दवाएं, जीनोम अनुक्रमण, नैदानिक कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अनुप्रयोग विकसित करना है.
- BRICS की एक महत्त्वपूर्ण COVID प्रक्रिया के तहत, BRICS के अधिकारी BRICS वैक्सीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर को वर्चुअल नेटवर्क के तौर पर संचालित करने के लिए सहमत हुए हैं.
ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक मंच के बारे में
दुनिया के 05 शक्तिशाली देशों के इस मंच ने अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से आम सामाजिक चुनौतियों को हल करने के लिए ज्ञान का दोहन करने के लिए एक नेटवर्क बनाया है.
सामूहिक और व्यक्तिगत परिवर्तन को तेज करते हुए, कॉन्क्लेव ने ब्रिक्स नेतृत्व का निर्माण किया है और अपनी क्षेत्रीय STI नीतियों, उद्यमिता और युवा कौशल विकास को मजबूत किया है. ब्रिक्स पांच देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का समूह है.
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