केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2017 को आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने और पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) के लिए आवेदन हेतु आधार कार्ड को 1 जुलाई 2017 से अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है.
इसके साथ आईटीआर भरने के दौरान आधार नंबर भी स्वीकार किया जा सकेगा.
हालांकि, आधार नंबर नहीं बताने पर पैन कार्ड अमान्य माना जा सकता है.
पैन कार्ड को भी 12– अंकों वाले यूनीक आईडेंटिफेकेशन नंबर या आधार संख्या से 1 जुलाई 2017 से पहले जोड़ा जा सकेगा.
संशोधन में नकद हस्तांतरण की सीमा को 3 लाख रु. से कम कर 2 लाख रु. करने का भी प्रस्ताव दिया गया है. नकद पर सीमा काले धन पर विशेष जांच टीम (एसआईटी) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है.
पृष्ठभूमि:
यह प्रस्ताव वित्त विधेयक, 2017 में संशोधन कर दिया गया था. केंद्र सरकार ने ''अभूतपूर्व कदम" उठाते हुए वित्त विधेयक में 40 संशोधन किए. अब तक, आधार का प्रयोग ज्यादातर सब्सिडी के हस्तांतरण में किया जाता था. केंद्र सरकार ने यह दावा भी किया कि बीते ढाई वर्षों के दौरान आधार संख्या पर सब्सिडी हस्तांतरण ने 49000 करोड़ रु. की बचत की है.
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