जियो इन्वेस्टमेंट डील: अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) ने 5,683.50 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से रिलायंस जियो के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स में 1.16% हिस्सेदारी खरीद ली है.
रिलायंस जियो ने अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) के साथ एक और निवेश सौदा किया है. संयुक्त अरब अमीरात स्थित एडीआईए ने 5,683.50 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से जियो के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स में 1.16% हिस्सेदारी हासिल की है. यह सौदा अबू धाबी स्थित मुबाडाला इंवेस्टमेंट कंपनी द्वारा जियो के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स में 1.85% हिस्सेदारी लेने के तीन दिन बाद हुआ है.
मॉर्गन स्टेनली ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को एडीआईए और एजेडबी एंड पार्टनर्स के साथ यह सौदा करने के लिए वित्तीय सलाह दी और डेविस पोल्क और वार्डवेल ने कानूनी परामर्श प्रदान किया. पिछले सात हफ्तों में रिलायंस जियो में इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने वाला एडीआईए सातवां निवेशक है.
फेसबुक, जनरल अटलांटिक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, केकेआर और मुबाडाला जैसे निवेशकों से निवेश के बाद एडीआईए के इस निवेश से जियो प्लेटफॉर्म का कुल फंड 97,885.65 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. एडीआईए ने पहले LIC हाउसिंग, ICICI बैंक, जिंदल स्टेनलेस, एस्कॉर्ट्स LT और इंफोसिस सहित विभिन्न भारतीय कंपनियों में निवेश किया है.
निवेश में जियो प्लेटफॉर्म्स के लिए 4.91 लाख करोड़ रुपये का इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ का उद्यम मूल्य निर्धारित किया गया है.
जियो द्वारा धन उगाहने का उद्देश्य
रिलायंस जियो ने अपनी हिस्सेदारी/ शेयर बिक्री से 97,885.65 करोड़ रुपये और राइट्स इश्यू से 53,124 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह धन उगाहने से रिलायंस को अपने शुद्ध ऋण को मजबूत करने में मदद मिलेगी. इस वर्ष मार्च 2020 में, रिलायंस का शुद्ध ऋण 1.61 लाख करोड़ रुपये था. मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च 2021 तक शून्य शुद्ध ऋण हासिल करने का अपना लक्ष्य निर्धारित किया है.
अन्य संभावित निवेशक
मीडिया स्रोतों के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट और सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष (PIF) सहित अन्य निवेशकों से उम्मीद की जा रही है कि वे भी इस धन उगाहने की होड़ में शामिल होंगे और जियो के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स में निवेश करेंगे.
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