विश्वभर में 11 करोड़ 13 लाख लोग भुखमरी से प्रभावित: UN रिपोर्ट

Apr 4, 2019, 10:23 IST

रिपोर्ट के अनुसार युद्ध, जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वजह से दुनिया के 53 देशों के लोगों को पिछले साल घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था.

Acute hunger affecting over 100 million people worldwide
Acute hunger affecting over 100 million people worldwide

विश्वभर में करीब 11 करोड़ 13 लाख लोगों को पिछले वर्ष घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था. संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार युद्ध, जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वजह से दुनिया के 53 देशों के लोगों को पिछले साल घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था.

मुख्य बिंदु:

•   खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और यूरोपीय संघ की ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस 2019’ रिपोर्ट में बताया गया है कि एक करोड़ से ज्यादा लोग पिछले तीन साल से लगातार भुखमरी का सामना कर रहे हैं.

•   रिपोर्ट के मुताबिक करीब 11 करोड़ 13 लाख से ज्यादा लोग 53 देशों में घोर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और उन्हें जल्द से जल्द खाद्य पदार्थ, पोषक आहार और आजीविका की जरूरत है.

•   खाद्य पदार्थ का सबसे भयावह संकट का सामना अफगानिस्तान, इथियोपिया, सीरिया, यमन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, सूडान, दक्षिणी सूडान और उत्तरी नाइजीरिया जैसे देश कर रहे हैं. इन देशों में कुल सात करोड़ 20 लाख लोग खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं.

•   रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्‍चों को उचित भोजन नहीं मिल पा रहा, जिसकी वजह से कुपोषण के शिकार बच्‍चों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है.

•   रिपोर्ट के अनुसार भुखमरी की वजह से महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर भी इन देशों में बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं.

•   रिपोर्ट में इसके अलावा संघर्षों की रोकथाम और शांति को टिकाऊ बनाने की महत्व को बताया गया है जिससे आजीविका बचाने, संरचनात्मक कमजोरियों को कम करने एवं भुखमरी के मूल कारणों दूर करने में मदद मिल सके.

•   रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जलवायु और प्राकृतिक आपदाओं ने 2.9 करोड़ लोगों को खाद्य असुरक्षा की दिशा में धकेल दिया.

•   यह रिपोर्ट प्रत्येक साल अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत और विकास से जुड़े साझेदार संगठनों के नेटवर्क ‘ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूट क्राइसिस’ द्वारा तैयार किया जाता है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी):

विश्व खाद्य कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है और दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय संस्था है जो भूख को संबोधित करती है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देती है. डब्ल्यूएफपी के अनुसार, यह प्रत्येक वर्ष 83 देशों में औसतन 91.4 मिलियन लोगों को भोजन सहायता प्रदान करता है.

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ):

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ तंत्र की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है. एफएओ की स्‍थापना साल 1945 में कृषि उत्‍पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्‍नत बनाने के अधिदेश के साथ की गई थी.

संयुक्त राष्ट्र के बारे में:

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई.

वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 देश है, विश्व के लगभग सारे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश हैं. इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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