एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 24 जून 2016 को बिहार में पटना के पास गंगा नदी पर बन रहे देश के सबसे बड़े नदी पुल निर्माण के लिए 50 करोड़ डॉलर ऋण को मंजूरी दे दी है.
बिहार की राजधानी पटना में मौजूदा महात्मा गाँधी सेतु पुल के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर बनाए जा रहे 9.8 किलोमीटर लंबे नए पुल से 90 लाख लोगों को लाभ होगा.
नया गंगा पुल अत्याधुनिक तकनीक से बनने वाला भारत का पहला पुल होगा. पुल की डिजाइन इस तरह से तैयार की गई है कि इसकी ऊँचाई और लम्बाई का नदी पर पडऩे वाला प्रभाव कम किया जा सके.
एडीबी के ऋण और पुल के संचालन एवं प्रबंधन को सुधारने के लिए नौ लाख डॉलर के अतिरिक्त तकनीकी सहयोग के साथ ही बिहार सरकार 21.5 करोड़ डॉलर वित्त उपलब्ध कराएगी.
पुल का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है. यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है.
पृष्ठभूमि:
पटना में गंगा नदी के ऊपर चार लेन वाले महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1980 के दशक में बिहार की राज्य सरकार ने किया था. बदहाल हालत में पहुंच चुका यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है और कई आर्थिक, साथ ही साथ सामाजिक, राजनीतिक गतिविधियों का मार्ग भी है. नेपाल और भूटान का कारोबार भी इसी संपर्क के माध्यम से होता है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले 15 वर्षों से इस पुल के पुनर्निर्माण के प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके प्रयास सफल नहीं हो सके हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा काफी अध्ययन किए जाने बाद अब यह तय किया गया कि इस पुल की मौजूदा संरचना को ढहाया जाए और उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाए. तदनुसार, पटना में महात्मा गांधी सेतु की संरचना के पुनर्निर्माण के लिए विस्तृत प्राक्कलन तैयार किया गया.

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