राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को केंद्र सरकार द्वारा पुनः राष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त किया गया है. इसके अतिरिक्त अजीत डोभाल को मोदी सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का फैसला किया गया है. उनकी नियुक्ति अगले पांच वर्ष के लिए की गई है.
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की वायुसेना की रणनीति को मूल रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमलीजामा पहनाया था. उन्होंने वायुसेना, नौसेना के शीर्ष अधिकारियों से रणनीति पर चर्चा करके इसे तैयार किया था.
अजीत डोभाल के बारे में
• वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश का 5वां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था.
• अजित डोभाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अजित डोभाल ने अपने करियर का ज्यादातर समय आईबी में ही बिताया है.
• सितंबर 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी अजीत डोभाल की ही रणनीति थी.
• अजीत डोभाल देश के सबसे प्रभावशाली नौकरशाह हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें एनएसए के अलावा रणनीतिक नीति समूह (स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप, एसपीजी) का सचिव भी बना दिया गया था.
• 1968 केरल बैच के आईपीएस अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे.
• वे वर्ष 2005 में आईबी प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे. 30 मई 2014 को अजीत डोभाल को देश के 5वां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था.
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के मुख्य कार्यकारी एवम् भारत के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के प्राथमिक सलाहकार होते हैं. इस पद को सबसे पहले भारत में 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सृजित किया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति भारत के प्रधानमन्त्री द्वारा की जाती है. वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं. अब तक इस पद पर 5 व्यक्ति रह चुके हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, देश के आंतरिक और बाहरी खतरों से संबंधित सभी मामलों पर नियमित रूप से प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए नियुक्त किया जाता है इसके अलावा वह सामरिक मुद्दों पर नजर रखता है. अब तक इस पद पर . ब्रजेश मिश्रा, जे एन दीक्षित, एम के नारायणन, शिव शंकर मेनन और अजीत डोभाल कार्यरत रह चुके हैं.
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