अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने हाल ही में अल्फा सेंटोरी तारा निकाय पर नए सिरे से अध्ययन किया और वहां निवास करने योग्य ग्रहों की खोज को विस्तृत करने के नए तरीकों का पता लगाया. हमारे ग्रह के सबसे करीबी तारा निकाय-अल्फा सेंटोरी पर धरती जैसे छोटी सी दुनिया बसी हो सकती है जिसकी पहले अनदेखी की जाती रही है. यह अध्ययन ऐस्ट्रोनॉमिकल जर्नल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के खगोलविदों के मुताबिक वहां ऐसे चट्टानी ग्रहों के मौजूद होने के संकेत मिले हैं, जिनमें जीवन हो सकता है.
• इस अध्ययन में इस तारा निकाय में बड़ी संख्या में बड़े ग्रहों की मौजूदगी से इनकार किया गया है जिसका दावा इससे पहले के अध्ययनों में किया जाता रहा है.
• अल्फा सेंटॉरी पृथ्वी से 24.9 लाख करोड़ मील या 4.37 प्रकाश वर्ष (प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय दूरी) दूर स्थित है. इस लिहाज से यह पृथ्वी के सबसे करीब में स्थित तारा मंडल है. इसमें सेंटॉरी ए, सेंटॉरी बी और प्रोक्सिमा सेंटॉरी नामक तीन तारे हैं.
• अनुसंधानकर्ताओं ने निश्चित किया कि अल्फा सेंटोरी ए में परिक्रमा कर रहे ग्रह धरती के द्रव्यमान से 50 गुणा कम द्रव्यमान वाले ग्रह हैं जबकि अल्फा सेंटोरी बी के ईर्द गिर्द घूम रहे ग्रहों का द्रव्यमान धरती के द्रव्यमान से आठ गुणा कम है.
• वैज्ञानिकों ने 24 अगस्त 2016 को अल्फा सेंटॉरी के तीसरे तारे प्रोक्सिमा सेंटॉरी की परिक्रमा करने वाले प्रोक्सिमा सेंटॉरी बी ग्रह की खोज की. पृथ्वी के आकार का यह ग्रह हमारे सूर्य से 4.24 प्रकाश वर्ष दूर है.
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