केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल 2022 को गुजरात के बनासकांठा जिले के नडाबेट में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर व्यू पॉइंट का उद्घाटन किया है. जानकारी के अनुसार ये गुजरात का पहला बॉर्डर प्वाइंट है जहां बॉर्डर की फोटो गैलरी तथा हिथायारों समेत टैंकों का प्रदर्शन किया जाएगा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल को कहा कि सीमा पर्यटन से सीमा सुरक्षा को बढ़ाने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा सीमादर्शन परियोजना नागरिकों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से जोड़ेगी तथा उनके प्रति सम्मान का भाव पैदा करेगी.
Gujarat | Union Home minister Amit Shah inaugurates border viewing point on the India-Pakistan international boundary in Nadabet in Banaskantha district. The viewing point has been made on the lines of the one at Wagah border in Punjab pic.twitter.com/D1OKH729z2
— ANI (@ANI) April 10, 2022
नडाबेट का प्वाइंट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नडाबेट में केवल बीएसएफ के जवान ही प्रदर्शन करेंगे इसमें पाकिस्तान की सेना भाग नहीं लेगी. नडाबेट का प्वाइंट भारत-पाकिस्तान सीमा से मात्र 20 से 25 किलोमीटर पहले बनाया गया है.
टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नडाबेट व्यूप्वाइंट में जवानों की कहानियों को हमारे सामने रखेगा. बॉर्डर पर लगे तारों को टूरिस्ट छूकर महसूस कर सकेंगे. वहीं, इससे गुजरात टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल सकेगा. पंजाब में वाघा अटारी सीमा पर होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट’ की तर्ज पर यहां सीमादर्शन में भी इसे शामिल किया गया है.
जानें इसकी खासियत
• नडाबेट सीमादर्शन हमारे वीरों की कहानियों को एक बार दोबारा हमारे सामने रखेगा.
• यह यात्रियों को भारत-पाकिस्तान की सीमा पर एक सैन्य चौकी के कामकाज को देखने का अवसर प्रदान करता है.
• विदेशी पक्षियों तथा वाच टावर से सूर्यास्त का भी लुफ्त उठा सकेंगे
• इसके अतिरिक्त यहां बीएसएफ को समर्पित एक संग्रहालय भी है, जहां मिग-27 लड़ाकू विमान एवं बीएसएफ स्तंभ है. सेल्फी भी इसके साथ ली जा सकती है.
रोजगार के अवसर
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात में इस प्रकार की पर्यटन परियोजनाएं रोजगार के अवसर पैदा करने और सीमावर्ती गांवों से लोगों के पलायन को रोकने में सहायता करेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा सुरक्षा को बढ़ाने हेतु सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई पहल की हैं. 125 करोड़ की लागत वाली सीमादर्शन परियोजना भी उनमें से एक है. देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों की याद में यहां ‘अजय प्रहरी स्मारक’ भी बनाया गया है.
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